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बिलासपुर-/ बिलासपुर पुलिस को ऑपरेशन क्लीन के तहत बड़ी सफलता मिली है। जिसमे मैट्रिमोनियल साइट के नाम पर धोखाधड़ी करने वाला गिरोह का पर्दाफाश किया गया है। मामले में आरोपियों द्वारा सुंदर महिलाओं की तस्वीरें दिखाकर शादी का प्रस्ताव देकर धोखाधड़ी को अंजाम दिया जाता है। ये गिरोह ऑनलाइन एवं अखबार के माध्यम से शादी के विज्ञापन देने वालों को गिरोह टारगेट करता था। यह गिरोह बिलासपुर में रहकर अलग-अलग जगहों से वारदात को अंजाम देता था। जिसमे पुलिस ने 3 महिला सहित पांच आरोपी गिरफ्तार किया है।बताया जा रहा है कि गिरोह रिवाज और इंडियन कल्चर मैंट्रीमोनियल साइट के नाम से मैरिज सेंटर चलाते थे।
मामले का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है आवेदक मिर्जा असीम बेग पिता स्वं इस्ताईल बेग उम्र 72 साल सा0 मंझवापारा जरहाभाठा लिखित आवेदन पेश किया। जिसमे उसने बताया कि अखबार के विज्ञापन के माध्यम से मेरिज ब्यूरो से सम्पर्क कर बात शुरु हुई जो रजिस्ट्रेशन के नाम पर 8500 रू लेकर एक महिला से बात कराया गया। जो खुद को अंजू यादव होना बताई। उसने फोन कर लिव इन रिलेशन पर रहने की बात को लेकर अपने रिस्तेदारेा के बिमारी का बहाना बनाकर कुल 120,500/- (एक लाख बीस हजार पांच सौ रूपये) ठगी कर लिया। जिसके बाद प्रार्थी की रिपोर्ट पर अपराध पंजीबद्व कर विवेचना कार्यवाही में लिया गया।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक बिलासपुर दीपक झा द्वारा ठगी के अपराध पर अंकुश लगाने निदेर्षित किया गया था। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक शहर उमेश कश्यप एवं नगर पुलिस अधीक्षक मंजूलता बाज के मार्गदर्शन में थाना प्रभारी सनिप रात्रे के द्वारा प्रकरण के आरोपीयों के पतासाजी हेतु तत्काल साइबर सेल व थाने से टीम बनाकर रवाना किया गया।
प्रकरण में लोगों से पूछताछ एवं तकनीकि साक्ष्य के माध्यम से रिवाज मैरिज ब्यूरो के संचालक मनीष उर्फ मालिकराम को हिरासत में लेकर पूछताछ करने पर अपने साथी अजय साहू ,संगीता यादव, पूजा कोरी, रोशनी मानिकपुरी, मिलकर रजिस्ट्रेशन के लिए असिम बेग को 8500 रू का रजि0 काउन्सलिग फिस बोलकर जमा करा लिए और पूजा यादव अपने आप को अंजू बताकर बातों में फसाकर मामा बिमार हो गये ,जबलपुर आ गये बोलकर अलग-अलग बहाने परेशानी बताकर प्रार्थी से अलग-अलग किस्तो में रकम की ठगी करना बताया।
आरोपीयों के कब्जे से घटना में प्रयुक्त मोबाईल, सिम, सीपीयू, लेपटाप, रजिस्टर एवं नगदी रकम 55000 रू को पृथक-पृथक आरोपीयों से जप्त कर कब्जे में लिया गया। आरोपीयों को गिरफ्तार कर न्यायिक रिमाण्ड पर भेजा जाता है। पूछताछ पर पता चला कि आरोपीयों के द्वारा बुजूर्ग व्यक्ति एवं रिटायर्ड सरकारी कर्मचारी को अपने जाल में फसाकर रकम की ठगी करते थे। दस्तावेज अवलोकन पर कई बुजुर्ग व्यक्ति के नाम मिले है जिसकी जांच की जा रही है। प्रकरण में विवेचना जारी है।


