आदिवासी विभाग में पौन करोड़ का घोटाला…! कोरोना काल मे दो वर्ष से छात्रावास बंद फिर भी औषधि किट खरीदी के नाम पर किया भुगतान…

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कोरबा// जिला प्रशासन के लगभग सभी विभागों में घोटालों और सरकारी धन की बंदरबांट के नए-नए मामले सामने आते रहते हैं। जहां कई शासकीय योजनाओं में घपलेबाजी कर सरकारी खजाने का बंदरबांट किया जाता है। ताजा मामला आदिवासी विकास विभाग का है जहां औषधि किट खरीदी के नाम पर फर्जी भुगतान कर पौन करोड़ का घोटाला किया गया है।

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आपको बता दें कि कोरोना काल में पिछले दो वर्षों से जिले के सभी छात्रावास बंद है लेकिन आदिवासी विभाग ने पौन करोड़ की औषधि खरीदी कर बोगस भुगतान भी कर दिया। सूचना के अधिकार से मिली जानकारी के मुताबिक झारखंड के फर्म ओम एंटरप्राइजेज को औषधि किट खरीदी करने का आदिवासी विभाग के तत्कालीन सहायक आयुक्त एन.के.एस. दीक्षित ने कार्यादेश जारी किया और औषधि किट खरीदी करने के एवज में 75 लाख33 हजार 252 रुपये का भुगतान जारी किया हैं।

जानकारों की माने तो सभी विभागों में कोरोना की पहली लहर में कोरोना के नाम पर पूरे जिले में दवा सेनेटाइजर और मास्क की फर्जी खरीददारी के नाम पर जमकर लूट हुई है। इस लूट में सबसे अधिक आदिवासी विभाग के कारिंदे भी शामिल है। कोरोना काल की शुरुआत होते ही जिले के सभी छात्रावासों को बंद कर पढ़ने वाले विद्यार्थियों को घर भेज दिया गया था। इसके बाद भी छात्रावासों में औषधि खरीदी के नाम पर डीएमएफ के पौन करोड़ रूपये की बंदरबांट की गई हैं।

देखना है मामला जिला प्रशासन के संज्ञान में आने के बाद क्या कार्यवाही की जाती है या फिर कागजों में पौन करोड़ के उक्त खरीदी में संबंधितों को क्लीन चिट दिया जाता है.?

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