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सारंगढ़-बिलाईगढ़// सरसीवां के शासकीय स्कूल में आयोजित शाला प्रवेशोत्सव का कार्यक्रम अब पूरी तरह से राजनीतिक घमासान का केंद्र बन गया है। इस आयोजन में कांग्रेस विधायक कविता लहरे की उपेक्षा ने विवाद की चिंगारी सुलगाई, जो अब सोशल मीडिया, थाने और राजनीतिक गलियारों तक फैल चुकी है।
प्रशासन पर भड़कीं विधायक, मंच से जताई नाराजगी
कविता लहरे ने मंच से ही आमंत्रण पत्र में अपना नाम न होने पर नाराजगी जताते हुए इसे जनता के दिए गए जनादेश का अपमान बताया। उन्होंने कहा कि एक निर्वाचित जनप्रतिनिधि की बार-बार उपेक्षा करना न सिर्फ प्रोटोकॉल का उल्लंघन है, बल्कि लोकतंत्र के प्रति अनादर भी है। कलेक्टर की मौजूदगी में उन्होंने अधिकारियों को जमकर फटकार लगाई और भविष्य में ऐसी लापरवाही न दोहराने की चेतावनी दी।
फेसबुक पोस्ट ने बढ़ाया विवाद, थाने पहुंची शिकायत
इस कार्यक्रम के ठीक बाद भाजपा अनुसूचित जाति मोर्चा के प्रदेश महामंत्री बेदराम जांगड़े ने फेसबुक पर विधायक के खिलाफ आपत्तिजनक पोस्ट साझा की। इस पोस्ट में अशोभनीय भाषा, अश्लील उपमाएं और विधायक की छवि धूमिल करने वाले कथन शामिल थे। इससे नाराज होकर कविता लहरे खुद कांग्रेस कार्यकर्ताओं के साथ सरसीवां थाना पहुंचीं और FIR दर्ज करने की मांग की। शिकायत में पोस्ट का स्क्रीनशॉट भी संलग्न किया गया है।
भाजपा का पलटवार – मंच को बना दिया “राजनीतिक रंगमंच”
बेदराम जांगड़े ने विधायक पर आरोप लगाया कि उन्होंने सरकारी स्कूल के मंच को राजनीतिक प्रदर्शन का अड्डा बना दिया। उन्होंने कहा कि कविता लहरे ने ढोल-नगाड़े, स्वागत-सत्कार, नृत्य आदि की मांग कर स्कूल प्रशासन पर दबाव डाला, जो कि शिक्षा की गरिमा के खिलाफ है। साथ ही लंबे भाषण और बार-बार स्वागत से कार्यक्रम का उद्देश्य ही कमजोर हो गया।
विकास, भ्रष्टाचार और धर्मांतरण के आरोप भी जोड़े गए
जांगड़े यहीं नहीं रुके, उन्होंने कविता लहरे पर क्षेत्र में विकास कार्यों की अनदेखी, भ्रष्टाचार, सट्टा और शराब कारोबार को संरक्षण देने और विवादित धर्मगुरु का समर्थन करने जैसे गंभीर आरोप भी लगाए। उन्होंने यह भी कहा कि विधायक की भूमिका धर्मांतरण जैसे संवेदनशील मामलों में स्पष्ट नहीं रही है, जो सामाजिक समरसता के लिए खतरा है।
कई अधिकारी और नेता रहे मौजूद, पर राजनीति ने ले ली सुर्खियाँ
इस आयोजन में कलेक्टर संजय कन्नौजे, एसडीएम वर्षा बंसल, जिला पंचायत अध्यक्ष संजय पांडे, भाजपा जिला अध्यक्ष ज्योति पटेल सहित कई अधिकारी और जनप्रतिनिधि मौजूद थे। कार्यक्रम का उद्देश्य नवप्रवेशित बच्चों का स्वागत और वृक्षारोपण था, लेकिन पूरा माहौल राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप में उलझ गया।
सरसीवां का यह शैक्षणिक कार्यक्रम राजनीतिक बहस का मुद्दा बन गया है। कांग्रेस विधायक कविता लहरे की उपेक्षा और फिर सोशल मीडिया पर की गई आपत्तिजनक टिप्पणी को लेकर कांग्रेस और भाजपा आमने-सामने हैं। जनता अब सवाल पूछ रही है — क्या शिक्षा के मंच राजनीति की शोभा बढ़ाने के लिए है या बच्चों के भविष्य निर्माण के लिए?
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