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रायपुर/ स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा संचालित “पढ़ई तुंहर दुआर” कार्यक्रम के तहत ऑनलाइन क्लास हेतु सीजीस्कूलडॉटइन cgschool.in पोर्टल के लिए प्रदेश के बहुत से शिक्षक डिजिटल सामग्री का निर्माण कर रहे हैं. डिजिटल सामग्री की त्रुटिरहित उपलब्धता व विवादित तथ्यों से रहित गुणवत्तायुक्त सामग्री की जांच के लिए डाइट के प्राचार्यो को कक्षा समन्वयक और अंतिम स्वीकृतकर्ता बनाया गया है. इस कार्य में डाइट का अकादमिक स्टाफ सहयोग करेगा. ज्ञातव्य है कि राज्य के 380 चिन्हांकित और इच्छुक शिक्षकों को प्रथम स्वीकृतकर्ता (फर्स्ट अप्रुवर्स) बनाया गया है. इस कार्य के लिए प्रति मंगलवार और गुरुवार को ऑनलाइन समीक्षा की जाती है.
डाइट के प्राचार्यो को कक्षा समन्वयक के रूप में वेबसाइट में अच्छी क्वालिटी के सामग्री को अपलोड करने और स्वीकृत करने के लिए अपने अकादमिक सदस्यों को प्रेरित करते हुए उचित मार्गदर्शन प्रदान करना है. साथ ही सामग्री को अपलोड करने और अप्रूव करने के लिए समय-सीमा का ध्यान रखकर कार्य को पूरा कराना है. प्रदेश में 16 डाइट प्राचार्यो को यह दायित्व सौंपा गया है. जिला डाइट बेमेतरा से प्राचार्य एस.के.प्रसाद, बिलासपुर से अलका शुक्ला, धरमजयगढ़ से कामिनी पुरी, कोरिया से योगेश शुक्ला, कोरबा से एच.एस. लकरा, महासमुंद से मीना पाणिग्रही, डोंगरगाव से रामावतार साहू, बस्तर से सुषमा झा, दंतेवाडा से के.के.उदेश, अंबिकापुर से ए.पी.लकरा, पेंड्रा से जे.पी.पुष्प, जांजगीर से सविता राजपूत, जशपुर से बी. बक्सला, नारायणपुर से जी.आर.मंडावी, खैरागढ़ से एस.एच.पंडा, कॉलेज ऑफ एजुकेशन से निशि बभरी को कक्षा समन्वयक व अकादमिक सदस्यों को अंतिम स्वीकृतकर्ता का दायित्व सौंपा गया है.
अंतिम स्वीकृतकर्ता का दायित्व होगा कि डिजिटल सामग्री विषयवस्तु से सम्बंधित होना चाहिए और यह शिक्षकों के द्वारा स्व-निर्मित एवं मौलिक होना चाहिए. डिजिटल सामग्री रोचक, आकर्षक और भाषायी त्रुटिरहित होना चाहिए. साथ ही अंतिम स्वीकृतकर्ता को ध्यान रखना होगा कि जो डिजिटल सामग्री उनके पास अप्रूवल के लिए आया है वह धर्म, जाति, वर्ग, लिंग आदि की दृष्टी से विवादित नहीं होना चाहिए.
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