शिक्षा में सुधार की दिशा में बड़ा कदम, मुख्यमंत्री ने बताया युक्तियुक्तकरण को छात्रों के लिए फायदेमंद..

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रायगढ़// मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने रायगढ़ में प्रेस कॉन्फ्रेंस में बड़ा ऐलान करते हुए कहा कि प्रदेश में स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने के लिए युक्तियुक्तकरण का फैसला छात्रों के हित में लिया गया है। इससे जहां एक ओर शिक्षक विहीन और एकल शिक्षकीय स्कूलों में शिक्षकों की तैनाती हो सकेगी, वहीं दूसरी ओर शिक्षा का स्तर भी बेहतर होगा।

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मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य में कई ऐसे स्कूल हैं जहां छात्र तो हैं, लेकिन शिक्षक नहीं। वहीं कुछ स्कूलों में छात्र संख्या के मुकाबले शिक्षक बहुत ज्यादा हैं। इस असंतुलन को दूर करने के लिए स्कूलों को एकीकृत किया जा रहा है। कहीं-कहीं एक ही परिसर में दो से तीन प्राइमरी स्कूल चल रहे हैं जबकि छात्रों की संख्या नाममात्र है। ऐसे में शिक्षकों को वहां तैनात किया जाएगा जहां उनकी सबसे ज्यादा जरूरत है।

उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि युक्तियुक्तकरण का मतलब यह नहीं है कि शिक्षक भर्ती नहीं होगी। शिक्षक भर्ती का प्रस्ताव वित्त विभाग को भेजा जा चुका है और अनुमति मिलते ही भर्ती प्रक्रिया शुरू की जाएगी। राज्य सरकार हर साल चरणबद्ध तरीके से शिक्षकों की कमी को दूर करेगी।

मुख्यमंत्री ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों में अब बच्चों को स्कूल जाने के लिए एक किलोमीटर से ज्यादा दूर नहीं जाना पड़ेगा और शहरी क्षेत्रों में यह दूरी 500 मीटर से ज्यादा नहीं होगी। यह कदम राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 और शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 के अनुरूप है, जिससे छात्रों को समान और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिल सकेगी।

शिक्षा विभाग ने कुल 10,463 स्कूलों के युक्तियुक्तकरण का आदेश जारी किया है, जिसमें 5,849 ई-संवर्ग और 4,614 टी-संवर्ग की शालाएं शामिल हैं। इनमें से 10,297 स्कूल एक ही परिसर में संचालित हैं जिन्हें अब एकीकृत किया गया है। ग्रामीण क्षेत्र में एक किलोमीटर और शहरी क्षेत्र में 500 मीटर के भीतर स्थित 166 स्कूलों को भी शामिल किया गया है। इस नई व्यवस्था से शिक्षा व्यवस्था में बड़ा बदलाव आने की उम्मीद है और हजारों छात्रों को बेहतर सुविधाएं मिलने का रास्ता खुलेगा।

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