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कवर्धा // छत्तीसगढ़ के कवर्धा जिले में पंचायत स्तर पर तुगलकी फरमान का मामला सामने आया है। लोहारा ब्लॉक के सिंघनगढ गांव में सरपंच और गांव के कुछ दबंगों ने मिलकर 7 परिवारों का सामाजिक बहिष्कार कर दिया। यही नहीं, इन परिवारों से बात करने या लेन-देन करने पर गांव में 1 हजार रुपये का जुर्माना लगाने की मुनादी भी कराई गई। मामले से परेशान होकर सभी पीड़ित एसपी कार्यालय पहुंचे और न्याय की गुहार लगाई।
क्या है मामला?
पीड़ित भगवानी साहू ने बताया कि गांव में संचालित आयुर्वेद अस्पताल में पदस्थ फार्मासिस्ट विद्यासिंह धुर्वे पर राजनीतिक गतिविधियों और ताश के खेल को बढ़ावा देने का आरोप है। इसे लेकर भगवानी साहू और अन्य ग्रामीणों ने विधायक को ज्ञापन सौंपते हुए शिकायत की थी। इसी बात से नाराज होकर सरपंच ने गांव में बैठक बुलाई और शिकायत करने वाले परिवारों को समाज से बहिष्कृत कर दिया।
जिन 7 परिवारों को बहिष्कृत किया गया, उनके नाम हैं:
- भगवानी साहू
- घांसीराम निषाद
- संतोष गुप्ता
- पवन साहू
- हुलास साहू
- हेमकुमार साहू
- शत्रुघ्न साहू
मुनादी और धमकी का डर
गांव में बैठक के बाद बाकायदा मुनादी कराई गई कि कोई भी इन परिवारों से बातचीत या कोई लेन-देन नहीं करेगा। अगर किसी ने ऐसा किया तो उसे 1 हजार रुपये का जुर्माना भरना होगा। इससे इन परिवारों की रोजमर्रा की जिंदगी बुरी तरह प्रभावित हो गई है। दुकान से सामान लेने गए बच्चों तक को भगा दिया जा रहा है।
एसपी ऑफिस पहुंचे पीड़ित
हालात से परेशान होकर सभी पीड़ित परिवार एसपी कार्यालय पहुंचे और लिखित शिकायत सौंपी। एएसपी ने उन्हें जल्द समाधान का आश्वासन दिया है और बताया कि सरपंच समेत अन्य जिम्मेदार लोगों को बुलाकर समझाइश दी जाएगी और ज़रूरी कार्रवाई की जाएगी।
गांव में तनाव, पीड़ितों को राहत की उम्मीद
फिलहाल गांव में इस फरमान को लेकर माहौल तनावपूर्ण बना हुआ है। बहिष्कृत परिवार सामाजिक अलगाव की मार झेल रहे हैं, वहीं प्रशासनिक हस्तक्षेप के बाद अब उन्हें राहत की उम्मीद है।
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