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भिलाई// नेवई थाना क्षेत्र में एक चौंकाने वाला साइबर ठगी का मामला सामने आया है। खुद को सीबीआई अफसर बताकर एक फर्जी कॉलर ने बुजुर्ग पिता और उनकी बेटी से 2 करोड़ की मनी लॉन्ड्रिंग का डर दिखाकर 54 लाख 90 हजार रुपए की ठगी कर डाली। वीडियो कॉल के ज़रिए दोनों को डिजिटल अरेस्ट किया गया और उनकी बैंक डिटेल्स, संपत्ति की जानकारी और रकम हड़प ली गई।
कैसे रची गई ठगी की चाल?
प्रगति नगर रिसाली की रहने वाली नम्रता चंद्राकर (45) ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है कि उनके पिता श्याम कुमार चंद्राकर के साथ यह साइबर ठगी हुई। आरोपी ने WhatsApp वीडियो कॉल पर खुद को मुंबई सीबीआई ऑफिसर बताया। उसने दावा किया कि श्याम चंद्राकर का केनरा बैंक खाता मुंबई में मनी लॉन्ड्रिंग केस में पकड़ा गया है, जिसमें 2 करोड़ रुपए का लेन-देन हुआ है।
डर दिखाया, आधार कार्ड और फर्जी स्टेटमेंट भी दिखाया
ठग ने वीडियो कॉल पर आधार कार्ड और फर्जी स्टेटमेंट दिखाया। उसने कहा कि यह खाता नरेश गोयल नाम के शख्स ने 5 लाख में खरीदा है और अब इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में केस चल रहा है। गिरफ्तारी से बचने के नाम पर आरोपी ने पूरी जानकारी मांगी और 29 अप्रैल से 29 मई 2025 तक नम्रता और उनके पिता से कुल 54,90,000 रुपए अलग-अलग किस्तों में मंगवाए।
क्या कहा पुलिस ने?
शिकायत के बाद नेवई पुलिस ने अज्ञात आरोपी के खिलाफ BNS की धारा 318(4) और IT एक्ट की धारा 67(D) के तहत मामला दर्ज कर लिया है और जांच शुरू कर दी है।
डिजिटल अरेस्ट का नया ट्रेंड
यह मामला छत्तीसगढ़ में डिजिटल अरेस्ट के बढ़ते मामलों की गंभीर तस्वीर दिखाता है। साइबर अपराधी खुद को सरकारी अधिकारी बताकर लोगों को डराते हैं, फिर उनकी पर्सनल और फाइनेंशियल डिटेल्स निकालकर लाखों की ठगी करते हैं।
🚨 सावधान रहें:
- किसी भी अनजान कॉलर से वीडियो कॉल पर बैंक या पहचान से जुड़ी जानकारी साझा न करें।
- कोई भी सरकारी अधिकारी आपको डिजिटल अरेस्ट या पेमेंट के लिए कॉल नहीं करता।
- शक हो तो तुरंत स्थानीय थाने या साइबर सेल में संपर्क करें।
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