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रायपुर// छत्तीसगढ़ सरकार ने किसानों के लिए बड़ी सुविधा दी है। अब खेती की जमीन पर बिना लैंड यूज बदले तीन मंजिला (G+2) मकान बनाए जा सकेंगे। यह छत्तीसगढ़ किफायती आवास योजना 2025 के तहत होगा, जिसमें किसान और बिल्डर मिलकर संयुक्त उपक्रम (JV मॉडल) के जरिए आवासीय प्रोजेक्ट तैयार कर सकेंगे। इससे किसानों को अतिरिक्त आय का मौका मिलेगा और आम लोगों को कम कीमत में मकान मिलेंगे।
योजना की मुख्य बातें
- खेती की जमीन पर 150 वर्गमीटर तक के भूखंड पर तीन मंजिला मकान (9 मीटर ऊंचाई तक) बनाए जा सकेंगे।
- एक मकान की इकाई का क्षेत्रफल 90 वर्गमीटर तक सीमित होगा।
- ऐसी जमीनों को प्राथमिकता मिलेगी जो संयुक्त परिवार की साझा संपत्ति हों।
- कॉलोनी बनाने के लिए न्यूनतम 1.25 एकड़ और कुल 2 से 10 एकड़ क्षेत्र की जरूरत होगी।
- मुख्य सड़क की चौड़ाई 9 मीटर और आंतरिक सड़क की 6 मीटर होनी चाहिए।
- कृषि भूमि पर कॉलोनी के लिए 1 किमी के भीतर 18 मीटर चौड़ी सड़क जरूरी है।
- कुल क्षेत्रफल का कम से कम 5% हिस्सा खुले स्थान के लिए सुरक्षित रखा जाएगा।
लैंड यूज बदले बिना अनुमति
इस योजना में कृषि भूमि को आवासीय उपयोग के लिए बदले बिना ही मकान बनाने की अनुमति दी जाएगी। इससे किसानों को लैंड यूज चेंज के लिए अलग आवेदन नहीं करना पड़ेगा। सरकार ने नियम जारी कर 30 दिनों के अंदर सुझाव और आपत्तियां मांगी हैं, जिसके बाद इसे अंतिम रूप दिया जाएगा।
सरकारी अधिकारियों का कहना
यह योजना शहरीकरण को नियंत्रित करते हुए किसानों को उनकी जमीन का बेहतर मूल्य देगी और आम लोगों को सस्ते मकान उपलब्ध कराएगी। साथ ही, रियल एस्टेट सेक्टर में निवेश बढ़ेगा और छोटे-मध्यम वर्ग के लिए आवास सुलभ होगा।
यह योजना छत्तीसगढ़ में किसानों और आम नागरिकों दोनों के लिए एक नई उम्मीद लेकर आई है, जिससे खेती की जमीन पर भी अफोर्डेबल और आधुनिक मकान बन सकेंगे।
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