बड़ी खबर : सरकार ने बदला गैस की कीमत तय करने का फॉर्मूला : शनिवार से सस्ती होगी CNG और PNG, हर महीने तय होंगे घरेलू गैस के दाम..

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नई दिल्ली/ केंद्रीय मंत्रिमंडल ने गुरुवार को घरेलू गैस के दाम तय करने के नए फॉर्मूले को मंजूरी दे दी। गैस की कीमत अंतरराष्ट्रीय बाजार में क्रूड के इंडियन बास्केट के मासिक औसत दाम का 10% होगी। इस फैसले के बाद शनिवार 8 अप्रैल से सीएनजी (CNG) और पीएनजी (PNG) के दाम कम हो सकते हैं। इससे PNG की कीमत में करीब 10% और CNG की कीमत में 5 से 6 रुपए प्रति किलो की कमी आएगी।

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पेट्रोलियम एक्सपर्ट नरेंद्र तनेजा ने कहा कि सरकार के इस फैसले से प्राकृतिक गैस के दाम कम हो सकते हैं। इससे खाद की मैन्युफैक्चरिंग लागत कम होने से इनकी कीमतें कम हो सकती हैं, लेकिन घरेलू गैस की खोज और उत्पादन को प्रोत्साहित करने और इस सेक्टर में ज्यादा निवेश आकर्षित करने की भी जरूरत है।

बैठक के बाद केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा, ‘घरेलू गैस की कीमत को अब अंतरराष्ट्रीय हब गैस की जगह इंपोर्टेड क्रूड के साथ लिंक कर दिया गया है। घरेलू गैस की कीमत अब भारतीय क्रूड बास्केट के अंतरराष्ट्रीय दाम का 10% होगी। ये हर महीने तय किया जाएगा।’

ठाकुर ने बताया कि कैबिनेट ने APM गैस के लिए 4 डॉलर प्रति मीट्रिक मिलियन ब्रिटिश थर्मल यूनिट (MMBTU) की कीमत, 6.5 डॉलर प्रति MMBTU की सीमा को मंजूरी दी।

संशोधन में नया क्या है…

नए फॉर्मूले के तहत हर महीने गैस की कीमत तय की जाएगी। पुराने फॉर्मूले के तहत हर 6 महीने में गैस की कीमत तय की जाती रही। वहीं, अब घरेलू नैचुरल गैस की कीमत के लिए इंडियन क्रूड बास्केट की पिछले एक महीने की कीमत को आधार बनाया जाएगा।

पुराने फॉर्मूले के तहत दुनिया के चारों गैस ट्रेडिंग हब (हेनरी हब, अलबेना, नेशनल बैलेसिंग प्वाइंटर (UK) और रूसी गैस) के पिछले एक साल की कीमत (वॉल्यू वेटेड प्राइस) का औसत निकाला जाता है और फिर इसे तीन महीने के अंतराल पर लागू किया जाता है।

क्या मिलेंगे फायदे?

  • नई पॉलिसी से गैस प्रोड्यूसर को बाजार में उतार चढ़ाव से नुकसान नहीं होगा। गैस की अंतरराष्ट्रीय कीमतों में भारी बढ़ोतरी से होने वाले नुकसान से ग्राहक को छुटकारा मिलेगा।
  • नए फॉर्मूले के तहत गैस की कीमत तय होने से फर्टिलाइजर और पावर सेक्टर को भी सस्ती गैस मिल सकेगी। जिससे फर्टिलाइजर सब्सिडी भी कम होगी।
  • नया फॉर्मूला मोटे तौर पर ONGC और Oil India की गैस पर लागू होगा। नए कुएं की गैस की कीमत 20% प्रीमियम रखने से ONGC और ऑयल इंडिया को नए निवेश के लिए बढ़ावा मिलेगा।
  • डीप वाटर, अल्ट्रा डीप वाटर, हाई प्रेशर-हाई टेम्परेचर एरिया के लिए कीमत तय करने के फॉर्मूले में कोई बदलाव नहीं किया गया है।
  • नया फॉर्मूला लागू होने से ऊर्जा सेक्टर को सस्ती गैस मिलेगी। इसके साथ घरेलू गैस प्रोड्यूसर देश को ज्यादा उत्पादन करने के लिए बढ़ावा मिलेगा।

नया फॉर्मूला तय करने अक्टूबर 2022 में बनाई थी कमेटी

सरकार ने नया फॉर्मूला तय करने के लिए किरीट पारिख की अध्यक्षता में अक्टूबर, 2022 में कमेटी बनाई थी। इसी कमेटी की सिफारिशों के आधार पर ही सरकार ने ये फॉर्मूला तैयार किया है। कमेटी ने पुराने फील्ड से निकलने वाली गैस को जनवरी 2026 तक पूरी तरह डीकंट्रोल करने की सिफारिश की थी। जबकि, डिफिकल्ट फील्ड से निकलने वाली गैस को जनवरी 2027 तक डी-कंट्रोल करने की सिफारिश की थी। इस डी-कंट्रोल करने वाली सिफारिश पर कैबिनेट के फैसले में चुप्पी साध ली है।

नेशनल स्पेस पॉलिसी 2023 को मिली मंजूरी

बैठक के बाद केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने बताया कि कैबिनेट ने नेशनल स्पेस पॉलिसी 2023 को मंजूरी दे दी है। इस पॉलिसी के तहत इसरो, न्यू स्पेस इंडिया लिमिटेड और प्राइवेट सेक्टर एंटिटीज जैसे ऑर्गेनाइजेशंस का रोल और जिम्मेदारियां तय की गई हैं। उन्होंने कहा कि सरकार ने पहले ही स्पेस जोन को प्राइवेट कंपनियों के लिए खोल दिया था, ताकि इस सेक्टर में भागीदारी को बढ़ावा दिया जा सके।

सिंह ने कहा कि इस पॉलिसी का उद्देश्य डिपार्टमेंट ऑफ स्पेस के रोल को बढ़ाना है। इसके अलावा इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन (ISRO) मिशन की एक्टिविटी एंड रिसर्च, एजुकेशन, स्टार्टअप एंड इंडस्ट्रीज की भागीदारी को भी बढ़ावा देना है।

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