शेयर करें...
रायपुर// छत्तीसगढ़ की समृद्ध संस्कृति और परंपराओं को अश्लीलता के जरिए दूषित करने वाले कुछ तथाकथित कलाकारों के खिलाफ कड़ा कदम उठाया गया है। 21 मई की शाम रायपुर के सिविल लाइन थाने में पत्रकारों, छत्तीसगढ़ी साहित्यकारों, कलाकारों और विभिन्न संगठनों ने मिलकर किशन सेन समेत 35 से अधिक कलाकारों के खिलाफ शिकायत दर्ज की है। इन पर अश्लील और दोहरे अर्थ वाले गाने बनाने का गंभीर आरोप लगाया गया है, जो छत्तीसगढ़ी संस्कृति को बदनाम कर रहे हैं।
इस मामले में सिविल लाइन थाना प्रभारी ने शिकायतकर्ताओं को आश्वस्त किया है कि, नामित इन सभी लोगों के ऊपर विधि सम्मत करवाई की जाएगी। शिकायतकर्ताओं में मुख्य रुप से छत्तीसगढ़ के वरिष्ठ साहित्यकार मीर अली, लोक/फिल्म कलाकार उर्वशी साहू, मिनेश साहू, साहित्यकार रामेश्वर वैष्णव, संतोष सारथी सहित सैकड़ों की संख्या में छत्तीसगढ़ी व छत्तीसगढ़ी साहित्य, फिल्म, कला के क्षेत्र से जुड़े लोग शामिल थे। जिनके द्वारा थाना परिसर के बाहर छत्तीसगढ़ी संस्कृति को बदनाम करने वालों के खिलाफ प्रदर्शन किया गया और बाद में शिकायत भी दर्ज किया गया।

छत्तीसगढ़ी संस्कृति बचाने की मुहिम
छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक विरासत को बचाने के लिए कई संगठन एकजुट होकर इस अभियान में जुट गए हैं। विश्व हिंदू परिषद, बजरंग दल, छत्तीसगढ़िया क्रांति सेना, छत्तीसगढ़िया महिला क्रांति सेना, उजियार की टीम, लोक संरक्षण समिति बागबाहरा और छत्तीसगढ़ छात्र संगठन जैसे संगठनों ने इस मुहिम में सक्रिय भूमिका निभाई है। छत्तीसगढ़ छात्र संगठन ने पहले ही रविवार को विधानसभा थाने में किशन सेन और अन्य कलाकारों के खिलाफ FIR दर्ज कराई थी।
अश्लील गानों की पूरी सूची
शिकायत में जिन गानों का उल्लेख किया गया है, वे छत्तीसगढ़ी संस्कृति को ठेस पहुंचाने वाले और अश्लीलता को बढ़ावा देने वाले माने गए हैं। इन गानों की पूरी सूची निम्नलिखित है:
- टूरी के बड़े बड़े हे – गायक: किशन सेन (चैनल: किसन पूनम)
- दबा बल्लू – गायक: किशन सेन (चैनल: राजश्री)
- चुम्मा लेहँव पोटार के – गायक: शशि रंगीला (चैनल: शशि रंगीला)
- सरपंच के आडर हे टूरी ल धँसाय ल कहिसे रे – गायक: पिक्कू ग्वाला (चैनल: आर.के. साहू)
- काय आईटम हे रे – गायक: कैलाश साहू (चैनल: के.के. कैसेट)
- कोन जघा ल मारिच बिछी – गायिका: चंपा निषाद (चैनल: AVM गाना)
- सफाचट डलवाले भौजी – गायक: रूप चंद नारंग (चैनल: सुखी बर्वे)
- तोर चिमनी म बाती मोटहा हे – गायक: पिक्कू ग्वाला (चैनल: सुखी बर्वे)
- ए वो ईटावाली तोर भठ्ठा हे गरम – गायक: तीजू नारंग (चैनल: तीजू नारंग)
- चराचर बजही – गायक: आगर आनंद (चैनल: मिक्सिंग पोइट बिरकोना)
- चाकर हे तोर साईलेंसर सत्या बाँधे – चैनल: के.के. कैसेट
- चढ़ती मोर जवानी के आना मजा तैय मार ले – गायक: मोंगरा विश्वकर्मा (चैनल: रंगमंच)
- बने पेल के डार तो गन्ना ल रे – गायक: रूपचंद नारंग (चैनल: RDN म्यूजिक)
- करीया भांटा सही डऊका – गायक: मोंगरा विश्वकर्मा (चैनल: राजकुमार खटकर ऑफिशियल)
- सतनामी डऊका – गायक: लहरे दिवाना (चैनल: MS म्यूजिक)
- नल्ला मे डाल के अंडी तेल – गायक: अजय गायकवाड़ (चैनल: डहरिया म्यूजिक)
- एक घाव म रानी – गायक: मोंगरा विश्वकर्मा, सुमित देवांगन
- आना हाथ म धरके – गायक: आगर आनंद (चैनल: सुरमोहनी)
- डारन दे मोला मन भरके – गायक: कार्तिक साहू (चैनल: आशीर्वाद)
- सनसना के – गायक: दानी साहू (चैनल: सुखी बर्वे)
- डबरा कोती पेलवाबे – गायक: राजू साहू (चैनल: सुखी बर्वे)
- तोर होल्डर में टेस्टर घुसावन दे – गायक: भूपेंद्र डहरिया, कामिनी साहू (चैनल: एम.एस. म्यूजिक)
- माल के बेटा ममा कहत हे – गायक: विरेंद्र विश्वकर्मा (चैनल: सुखी बर्वे)
- तोर परिया खेत जोतवाले – गायक: आगर आनंद (चैनल: रंगील म्यूजिक)
- सारा बेटा मन हरवा दिन रे – गायक: विजय मनहर (चैनल: सुरमोहनी स्टूडियो)
- कोन मारे बंबू – गायक: शिवकुमार तिवारी (चैनल: चंदन म्यूजिक)
- लम्बा भुट्टा – गायक: आगर आनंद (चैनल: रंगीत म्यूजिक)
- जवान हस तहूँ – गायिका: मिरा त्रिपाठी (चैनल: आर्शियन म्यूजिक)
- माल माल टूरा मन चिल्लावत हैं – गायक: प्रताप भारद्वाज (चैनल: प्रताप म्यूजिक)
- दना दन छुए मा रे – गायक: रज्जू मनचला (चैनल: बली साहू)
- चोदू बनावत हे – गायक: लहरे दिवाना (चैनल: दिलमोहनी म्यूजिक)
- लवड़ा टूरी – चैनल: JM म्यूजिक सॉन्ग
- ऊपर वाला हिस्सा तोर – गायक: प्रशान्त विश्वकर्मा (चैनल: प्रशान्त विश्वकर्मा ऑफिशियल)
जनता से अपील
इन गानों के खिलाफ शिकायत दर्ज होने के बाद यह उम्मीद जताई जा रही है कि भविष्य में ऐसी अश्लील सामग्री का निर्माण बंद होगा। राजधानी 24 न्यूज भी छत्तीसगढ़ की जनता से अपील करती है कि वे इन गानों को पूरी तरह ब्लैकलिस्ट और बॉयकॉट करें। साथ ही, इन कलाकारों को किसी भी सामाजिक या सांस्कृतिक कार्यक्रम में शामिल करने से बचें। छत्तीसगढ़ के पत्रकारों ने यह संकल्प लिया है कि वे छत्तीसगढ़ की संस्कृति, परंपरा और सभ्यता से जुड़े मुद्दों को निरंतर उठाते रहेंगे।
यह कार्रवाई छत्तीसगढ़ी संस्कृति के संरक्षण और सम्मान की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है।
Source: https://youtu.be/RlbZRCdsM3U?si=pCnNz3iN1aGbxWbr