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रायपुर/ शहरों में प्रधानमंत्री आवास बनाने में आ रही दिक्कतों और भवन निर्माण की धीमी गति को देखते हुए केंद्र सरकार ने कई तरह के नियमों को शिथिल कर दिया है। अब शहरों में पीएम आवास के तहत स्वयं से आवास बनाने के लिए घर का नक्शा बनवाना हो या फिर निर्माण की अनुमति लेनी हो। इसके लिए भटकना नहीं पड़ेगा।
ऑफलाइन मोड में आवेदन किया जा सकेगा। इसके लिए वार्डों या मुहल्लों में शिविर लगाए जाएंगे। हितग्राही यहां पीएम आवास के लिए आवेदन दे सकेंगे। आवेदन देने के बाद पात्र हितग्राहियों काे 3 दिन में बिल्डिंग परमिट जारी करना अनिवार्य कर दिया गया है। विभागीय अफसरों ने बताया कि पीएम आवास शहरी 2.0 के तहत ये निर्णय लिए गए हैं। प्रदेश के सभी निकायों में यह लागू होगा। इसके लिए नगर निगम समेत सभी निकायों काे इस संबंध में पत्र भी भेजा गया है।
आवासीय बस्ती और मोहल्लों में बनाएं घर
राज्य सरकार ने भवन निर्माण के लिए गाइड लाईन जारी की हेै। इसके तहत मकान अनिवार्य रूप से मोहला/ बस्तियों में बनाया जाए। मकान ऐसे जगह बनाए जाएं ताकि भविष्य में कहीं और व्यवस्थापन किया जाना प्रस्तावित न हो। मकान बनाने से नगर के लिए प्रस्तावित मुख्य मार्ग, मार्ग चौड़ीकरण, बायपास निर्माण, नाला, प्राकृतिक जल स्रोत, बाढ़ प्रभावित क्षेत्र एवं सार्वजनिक उपयोग के लिए स्वीकृत स्थल प्रभावित न हो।
दरअसल, ईडब्लूएस वर्ग के पात्र परिवारों को खुद के जमीन पर घर बनाने वित्तीय सहायता दी जाती है। योजना उनके लिए है, जिनके पास पहले से जमीन है और वे घर बनाना चाहते हैं।
75% एरिया खुला रखना होगा
पीएम आवास योजना- शहरी 2.0 के तहत अब 500 वर्ग फीट के एरिया में मकान बनाने पर 75% एरिया खुला रखना होगा। इससे बड़े आकार के भूखंड के लिए पुराना नियम लागू होगा। इसी तरह 800 वर्ग फुट के भूखंड के आस पास खुला क्षेत्र छोड़ने के प्रावधानों को भी शिथिल किया गया है।
अब शुल्क नहीं लिया जाएगा
विभाग का मानना है कि परियोजना के तहत चुने गए हितग्राही कमजोर आय वर्ग से आते हैं। ऐसे में उनसे भवन विकास शुल्क, परमिट और अन्य किसी भी प्रकार का शुल्क नहीं लिया जाएगा।
पहले: बकाया जमा करने पर अनुमति
पीएम आवास के लिए पहले ऑनलाइन आवेदन की थी सुविधा।
घर के निर्माण की अनुमति भी आॅन लाइन मिल जाती थी।
पहले बिना लंबित कर एवं शुल्क जमा किए बिल्डिंग परमिट नहीं मिलता था।
अब: बकाया जमा करना अनिवार्य नहीं
ऑफलाइन आवेदन देने की सुविधा, वार्डों और मुहल्लों में लगेंगे शिविर
मैन्यूअल पद्धति से ही घर के निर्माण की अनुमति मिल जाएगी।
बिल्डिंग परमिट आवेदन के साथ लंबित कर एवं शुल्क जमा करने की अनिवार्यता शिथिल कर दी गई है। किन्तु, नियमानुसार वसूली होती रहेगी।