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रायगढ़// जनपद पंचायत पुसौर में 15वें वित्त आयोग की राशि के बंटवारे को लेकर बड़ा बवाल खड़ा हो गया है। जनपद के 11 सदस्यों ने मिलकर रायगढ़ कलेक्टर को एक तीखा ज्ञापन सौंपा है। आरोप है कि जनपद अध्यक्ष हेमलता हरिशंकर चौहान और कार्यपालन अधिकारी ने राशि के वितरण में गंभीर अनियमितता बरती है।
सदस्यों का कहना है कि वित्तीय वर्ष 2025-26 में 15वें वित्त आयोग के तहत जो राशि आई है, उसका बंटवारा पारदर्शिता से नहीं किया गया। सभी 11 सदस्यों को उनका हक नहीं मिल रहा है। यह पैसा विकास कार्यों के लिए समान रूप से बांटा जाना चाहिए, लेकिन यहां ‘अपनों को सबकुछ, दूसरों को कुछ नहीं’ की नीति अपनाई जा रही है।
“जो करना है कर लो, कुछ नहीं दूंगी!”
ज्ञापन में जनपद अध्यक्ष पर धमकी भरे लहजे में बात करने और तानाशाही रवैये का भी आरोप है। सदस्यों ने बताया कि जब उन्होंने सामान्य सभा की बैठकों में इस मुद्दे को उठाया, तो अध्यक्ष ने साफ कह दिया – “जो करना है कर लो, तुम लोगों को कुछ नहीं दूंगी!”
इसके अलावा, बैठकों की कार्यवाही रफ तरीके से की जा रही है और कोई लोकतांत्रिक प्रक्रिया नहीं अपनाई जा रही। ‘मेरी मर्जी’ जैसे जुमलों से जनप्रतिनिधियों को अपमानित किया जा रहा है।
कलेक्टर से जांच और न्याय की मांग
सभी 11 सदस्यों ने मांग की है कि 15वें वित्त आयोग की राशि के वितरण में हुई गड़बड़ियों की गहन जांच हो और दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाए। साथ ही, इस बात को सुनिश्चित किया जाए कि विकास की राशि सभी क्षेत्रों को बराबरी से मिले।
अब यह मामला कलेक्टर और जिला प्रशासन के पाले में है। जनता की निगाहें प्रशासन पर टिकी हैं कि वह इस विवाद में निष्पक्षता से कार्रवाई करेगा या मामला और तूल पकड़ेगा।
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