बड़ी खबर : ED का दावा- महादेव सट्‌टेबाजी ऐप के प्रमोटर्स ने CM बघेल को दी 508 करोड़ रुपए, गिरफ्त में आए एजेंट ने कबूला..

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रायपुर/ प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने शुक्रवार को दावा किया कि उसने एक कैश कूरियर का बयान दर्ज किया है, जिसने आरोप लगाया है कि महादेव सट्टेबाजी ऐप के प्रमोटरों ने अब तक छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को 508 करोड़ रुपए का भुगतान किया है। इसकी जांच की जा रही है।

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कूरियर असीम दास से 5.39 करोड़ रुपए बरामद करने के बाद एजेंसी ने उसे गिरफ्तार कर लिया है। महादेव ऑनलाइन सट्टेबाजी ऐप और उसके प्रमोटरों की ED मनी लॉन्ड्रिंग रोधी कानून के तहत जांच कर रही है। ईडी ने प्रेस रिलीज कर इसका दावा किया है।

असीम दास और कांस्टेबल भीम सिंह यादव को रायपुर की विशेष अदालत ने 7 दिनों की ED की रिमांड पर भेज दिया है। अब अगली सुनवाई 10 नवंबर को होगी। शुक्रवार शाम 5 बजे ED की टीम दोनों आरोपियों को कोर्ट लेकर पहुंची थी।

स्पेशल जज अजय सिंह राजपूत की कोर्ट में दोनों आरोपियों की पेशी हुई। गुरुवार को भिलाई में ईडी की टीम ने हाउसिंग बोर्ड के रहने वाले बप्पा दास के घर छापा मार कर ढाई करोड़ रुपए कैश जब्त किया था। छापे के दौरान टीम ने यह रकम कमरे में रखे दीवान से बरामद की थी।

मकान का ताला तोड़कर घुसी थी ED की टीम

बताया जा रहा है कि बप्पा दास पेशे से ड्राइवर है और ऑनलाइन सट्टा ऐप की आईडी संचालित करता है। ED को आशंका है कि उसके घर से मिला पैसा ऑनलाइन सट्टा ऐप का है जिसे चुनाव में खर्च करने के लिए रखा गया था।

जिसके बाद गुरुवार को कार्रवाई के लिए ED के अधिकारी ताला तोड़कर मकान में घुसे थे। जानकारी के मुताबिक टीम ने एक होम्योपैथी डॉक्टर के सामने पूरी कार्रवाई की है। बप्पा दास की पत्नी इस डॉक्टर के घर काम करती थी।

5 करोड़ से ज्यादा राशि जब्त


ऑनलाइन सट्टा एप केस में कल ED ने रायपुर और भिलाई में कार्रवाई की जिसमें कुल 5 करोड़ 39 लाख रुपए की रकम पकड़ी गई है। साथ ही 15 करोड़ की रकम फ्रिज भी गई है। कल रात को ED की टीम ने छापामार कार्रवाई की थी।

भिलाई का रहने वाला असीम दास पैसे से ड्राइवर है जिसके पास से पांच करोड़ 39 लाख कैश मिला है। वह रायपुर की एक होटल में रुका हुआ था, कुछ पैसे उसके गाड़ी से मिला और कुछ होटल के कमरे से और कुछ उसके भिलाई के निवास से मिले हैं।

नोट गिनने के लिए मशीन मंगाई गई

प्रवर्तन निदेशालय की टीम ने छापा मार कार्रवाई के दौरान जब नोट जब्त किए तो इतनी बड़ी रकम गिनना संभव नहीं था। लिहाजा टीम ने SBI हाउसिंग बोर्ड ब्रांच से नोट गिनने की मशीन मंगवाई।

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