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नई दिल्ली// महिलाओं पर अत्याचार की कहानी खत्म होने की बजाय लगातार बढ़ती ही जा रही है। साल 2020 में भी महिलाओं के साथ दुष्कर्म की घटना कम होने की बजाय बढ़ती ही गई। राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो यानी एनसीआरबी ने बुधवार को विभिन्न अपराधों पर अपने आंकड़े जारी किए। इन आंकड़ों के मुताबिक पूरे देश में साल 2020 में दुष्कर्म के हर रोज औसतन करीब 77 केस दर्ज किए गए। देश में दुष्कर्म के सबसे ज्यादा मामले राजस्थान में दर्ज किए गए जबकि उत्तर प्रदेश दूसरे नंबर पर रहा। देश में 2020 में हर रोज औसतन 80 हत्याएं हुई इसमें उत्तर प्रदेश पहले स्थान पर है। साल 2020 में कुल 29,193 लोगों का कत्ल किया गया।
राजस्थान में सबसे ज्यादा रेप केस
राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के मुताबिक राजस्थान में साल 2020 में बलात्कार के 28,046 मामले दर्ज हुए। महिलाओं के साथ रेप की बात करें तो पूरे देश में पिछले साल (2020) 3,72,503 मामले दर्ज किए गए जबकि 2019 में इसकी संख्या 4,05,326 और 2018 में 3,78,236 मामले सामने आए थे। महिलाओं के खिलाफ हिंसा में बड़ी संख्या में दुष्कर्म के मामले सामने आए। 2020 में जहां दुष्कर्म के कुल 28,046 मामले दर्ज हुए वही 28,153 महिलाएं अपराधियों की शिकार बनीं।
उत्तरप्रदेश रहा दूसरे नंबर पर
वहीं, दूसरे नंबर पर यूपी और तीसरे पर मध्य प्रदेश रहा। इतना ही नहीं, एनसीआरबी के आंकड़े बताते हैं कि 2020 में देशभर में 3 हजार 741 केस रेप की कोशिश के दर्ज किए गए। इनमें से 295 मामलों में पीड़िताओं की उम्र 18 साल से कम थी। हैरानी वाली बात ये है कि दुष्कर्म के 95% मामलों में करीबी ही आरोपी निकला। पिछले साल 28,046 केस दर्ज हुए थे, जिनमें से 26,808 केस ऐसे थे जिनमें पीड़िताओं ने करीबियों पर ही दुष्कर्म का आरोप लगाया था।
आकंड़ों के मुताबिक साल 2020 में कुल दुष्कर्म पीड़िताओं में से 25,498 वयस्क जबकि 2,655 नाबालिग हैं। महिलाओं के खिलाफ अपराध के आरोपों में 2020 में 3,98,620 लोगों को गिरफ्तार किया गया था। इनमें से 31,402 लोगों को ही दोषी ठहराया गया, जबकि 84,506 लोगों को बरी कर दिया गया।
महानगरों में दिल्ली में सबसे ज्यादा दुष्कर्म के मामले
एनसीबी की रिपोर्ट के मुताबिक भारत के 19 महानगरीय शहरों में, दिल्ली ने 2020 में महिलाओं के खिलाफ सबसे अधिक अपराध (9782) दर्ज किए। इसके बाद मुंबई (4,583), बेंगलुरु (2730) और लखनऊ (2636) के सामने आए। दुष्कर्म के मामलों में 2019 की तुलना में कमी जरूर आई है, लेकिन अभी भी हालात बदले नहीं हैं। दुष्कर्म के मामलों में राजस्थान पिछले साल भी टॉप पर रहा। 2019 में भी यहां सबसे ज्यादा 5 हजार 997 केस दर्ज हुए थे।
सबसे ज्यादा रेप केस वाले 5 राज्य
राज्य | कुल मामले |
राजस्थान | 5,310 |
उत्तर प्रदेश | 2,769 |
मध्य प्रदेश | 2,339 |
महाराष्ट्र | 2,061 |
असम | 1,657 |
सबसे कम रेप केस वाले 5 राज्य
राज्य | कुल मामले |
नागालैंड | 4 |
सिक्किम | 12 |
मणिपुर | 32 |
मिजोरम | 33 |
गोवा, अरुणाचल प्रदेश | 60 |
2020 में रोजाना 80 हत्याएं हुईं
आंकड़ों के अनुसार, भारत में 2020 में हर दिन औसतन 80 लोगों की हत्याएं हुईं। कुल 29,193 लोगों का कत्ल पिछले साल हुआ। इस सूची में सबसे ऊपर उत्तर प्रदेश रहा है। एनसीआरबी डेटा के अनुसार, यूपी में हत्या के 3779 मामले दर्ज हुए। बिहार में 3,150, महाराष्ट्र में 2,163, मध्य प्रदेश में 2,101 और पश्चिम बंगाल में 1,948 लोगों की हत्याएं दर्ज की गईं। वहीं राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में 2020 में हत्या के 472 मामले आए।
सबसे ज्यादा अपराध नियम नहीं मानने के आए सामने
NCRB की रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि कोरोना महामारी और लॉकडाउन की वजह से कुछ अपराध में गिरावट दर्ज की गई। रिपोर्ट के मुताबिक, इनमें से अधिकतर अपराध सरकारी आदेशों को न मानने से जुड़े हैं। 2019 में आईपीसी के तहत दर्ज मामलों की संख्या जहां 29,469 थी, वहीं 2020 में ये 6,12,179 पर पहुंच गई। इसी तरह एसएलएल के तहत दर्ज मामले 2019 में 2,52,268 के मुकाबले 2020 में 10,62,399 पर पहुंच गई।
मनुष्य को नुकसान पहुंचाने वाले 10,47,216 मामले दर्ज किए गए
एनसीबी रिपोर्ट की माने तो 2020 में मनुष्य को नुकसान पहुंचाने वाले 10,47,216 मामले दर्ज किए गए जो आईपीसी के तहत दर्ज केसों का कुल 24.6 फीसदी है। इनमें से चोट पहुंचाने वाले 5,78,641 (55.3 प्रतिशत) मामले रहे जबकि लापरवाही से मौत के 1,26,779 (12.1प्रतिशथ) मामले रहे। महिलाओं के खिलाफ हिंसा के 85,392 (8.2 प्रतिशत) मामले दर्ज किए गए।