शेयर करें...
मुगेली (अजीत बघेल)// एक तरफ देखा जाए तो पूरे देश में स्वच्छता अभियान चलाया जा रहा है। केन्द्र व राज्य के सहभागिता से स्वच्छता से जुड़ी सैकड़ो योजनाए चलाए जा रहे है। जिसकी लागत वर्ष 2021-22 से 2025-26 की अवधि के लिए, 36,465 करोड़ रुपये की केंद्रीय हिस्सेदारी के साथ एसबीएम-यू 2.0 के लिए कुल 1,41,600 करोड़ रुपये का वित्तीय परिव्यय तय किया गया है। जो मिशन के पिछले चरण के 62,009 करोड़ रुपये के वित्तीय परिव्यय से 2.5 गुना ज्यादा है। वही दूसरी तरफ छत्तीसगढ प्रदेश अपने आप को स्वच्छता अभियान मे नंबर वन बताने मे लगी हुई है। तो वही इन जन कल्याणकारी योजनाओ व केंद्र के आदेशो को ताक पर रखकर मुंगेली जिले के मुख्यालय पर बैठे कुछ विभाग के आला अधिकारी अपनी हरकतो से बाज नही आते। ऐसा ही कुछ नजारा यहां देखने को मिला है।
आपको बता दें कि शिक्षा विभाग के गुप्त कक्ष के आगे नव निर्माण खनिज न्यास कार्यालय के कोने पर विभागीय कागजी कुडा-करकटो का ढेर लगा हुआ है। वही श्रम विभाग के कर्मचारियो ने तो स्वच्छता की धज्यां ही उड़ा दी। आवक जावक कमरे के खिड़की के बाहर छत पर ही देखा जाए तो पान गुटखा खाकर जमकर थुक मचाई गई है।

आपको बता दे कि लगभव प्रत्येक विभाग के खिड़की के बाहर पान गुटखा खाकर थूकने मे अधिकारी कर्मचारियो ने कोई कसर नही छोड़ी है और वही मुख्यालय मे सफाई कर्मियो की बात किया जाय तो सूची पे दर्जनो मिल जाएंगे मगर विभागीय आफिस के सामने गिरे डस्टबिन को उठाने मे एक भी नजर नही आता और वही यहा के एकाधिक शौचालय के बारे मे बात किया जाए तो मानो बदबू का अंबार लगा हुआ है। यहा आगंतुक कमरे से लेकर मनियारी कक्ष, पुलिस अधीक्षक कक्ष तक एक भी शौचालय ऐसा नही कि दो मिनट वहा रूका जाए। चारो तरफ गंदगी पसरा हुआ है।
जिले के दंडाधिकारी की बात किया जाय तो मानो बेखबर है। या फिर ऐसा माना जाए कि किसी बड़ी महामारी या कोरोना की तीसरी लहर का इंतजार हो। अब जब जिला मुख्यालय का यह हाल है तो शहरी क्षेत्रो के चौक-चौराहो व गली-मोहल्लो का क्या हाल होगा आप समझ ही गए होंगे। आखिर कब बदलेगी तस्वीर बदहाल-ए-जिला मुंगेली का.? आखिर कब स्वच्छ होगा मुंगेली.? आखिर कौन जिम्मेदार होगा तीसरी लहर का.? आखिर कब हटेगा कुड़ा करकटो का ढेर.? और आखिर कब सुध लेंगे यहा के आलाधिकारी.? ऐसे कई सवालों का घेरा बना हुआ है।