शादी का बवाल पहुँचा थाने : होटल मालिक और बारातियो में जम कर चले लात-घुसे, थाना के सामने पुलिस प्रशासन हाय-हाय के लगे नारे, विधायक शैलेश पांडे के पहुचने के बाद मामला हुआ शांत..

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बिलासपुर// बिलासपुर पुलिस एक बार फिर से निशाने पर तब आ गई जब एक मामलेेे को शिकायत करने पहुंचे लोगों के एक साथी को पुलिस ने 4 घंटे थाने में बैठा दिया। 4 घंटे तक थाने के अंदर ही लायन आर्डर की धज्जियां उड़ती रही और कई थानों के थानेदार मूकदर्शक बने माहौल को देखते नजर आए। आपको पूरा मामला बताने से पहले बता दे कि माहौल इतना गरमा गया था कि शहर विधायक शैलेश पांडे को थाना सिविल लाइन आना पड़ा और पुलिस को ही समझाना पड़ा।

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क्या था पूरा मामला

दरअसल मंगलवार को हेमूनगर निवासी व्यापारी मोहन जैसवानी के बेटे संतोष जैसवानी की शादी थी। शादी के लिए टेलीफोन एक्सचेंज रोड स्थित ग्रैंड अंबा होटल को बुक किया गया था। शाम करीब 4 बजे समारोह के बाद बराती जाने लगे। तभी होटल के बेसमेंट में पार्किंग को लेकर होटल प्रबंधन और बरातियों के बीच विवाद हो गया। होटल प्रबंधन की ओर से एक कर्मचारी ने बाराती को कार हटाने के लिए कहा। यहीं से विवाद शुरू हुआ। पहले कर्मचारी और एक मेहमान में हाथापाई हुई, फिर यह झगड़ा बढ़ा और भीड़ होटल के सामने जमा हो गई। वहां होटल संचालक और उनके लोग भी पहुंच गए। देखते ही देखते दोनों के बीच गाली-गलौज और फिर मारपीट शुरू हो गई।

विवाद देखकर बाराती पक्ष की महिलाएं बीच-बचाव करने पहुंची, तब उनके साथ भी झमाझटकी की गई। फिर क्या था जैसे ही शादी में आए लोग खुशियां मनाने के बजाय अपनी फरियाद लेकर सिविल लाइन थाना पहुंचे। सिविल लाइन पुलिस को दोनों ओर से शिकायत दी गई, लेकिन पुलिस द्वारा सिर्फ शादी में आए लोगों के एक व्यक्ति को थाने में बैठा लिया गया जिसके बाद एक-एक कर लोग वहां जुटने लगे और देखते ही देखते थाने के अंदर ही मेला लगने लगा।

इधर पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी नदारद रहे लेकिन कई थाना के थाना प्रभारी और कोतवाली और सिविल लाइन सीएसपी मौके पर मौजूद रहे। जहां लोगों और पुलिस के बीच कई बार जमकर तू-तू मैं-मैं हुई माहौल इतना बिगड़ता गया कि थाने पहुंची भीड़ ने पुलिस प्रशासन हाय-हाय के नारे लगाने शुरू कर दिए।

इधर कांग्रेस नेता मोती थारवानी भी अपने दल बल के साथ थाना पहुंचे, जहां उनकी भी पुलिस से जमकर बहस हुई। घंटों तक थाने का माहौल खराब होने के बावजूद भी लॉयन ऑर्डर सुधारने की कोशिश किसी भी ओर से होती हुई दिखाई नहीं दी। जिसके बाद नगर विधायक शैलेश पांडे थाने पहुंचे और उन्होंने थाना प्रभारी के कक्ष में सिविल लाइन थाना सीएसपी और थाना प्रभारी को समझाया जिसके बाद सुपुर्दनामा देकर युवक को छोड़ दिया गया।

बहरहाल अब वीडियो फुटेज जब्त कर मामले की जांच की जाएगी लेकिन इस बीच एक बार फिर बिलासपुर में पुलिसिंग को लेकर कई सारे सवाल खड़े हो गए कि आखिर थाने में हजारों की संख्या में एकत्रित हुए लोगों को घंटों तक खड़े रहने और स्थिति बिगाड़ने की अनुमति किसने दी। थाने के अंदर ही लॉ एंड ऑर्डर की स्थिति बुरी तरह चरमरा सकती है तो फिर शहर में लॉ एंड ऑर्डर की स्थिति क्या होगी आप समझ सकते है। बहरहाल पिछले कुछ मामलों से देखा जा रहा है कि बिलासपुर में ट्रेंड ऐसा हो चला है किसी भी मामले को लेकर भीड़ एकत्रित कर लिया जाता है और फिर थाने पर दबाव बनाने का काम भी किया जाता है। पुलिस द्वारा स्थिति ना संभाल पाना भी अजीबोगरीब नजर आता है।

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