बिलासपुर मुख्य वन संरक्षक अधिकारी की मनमानी, युवाओ के हक़ मारते रिटायर्ड कर्मचारी को रखा काम पर

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बिलासपुर/ वर्तमान में देश में कोरोना महामारी का प्रकोप छाया हुआ है और युवा वर्ग बेरोजगारी के थपेड़े अलग से खा रहे है.. ऐसे में बिलासपुर में सरकार के एक मुलाजिम द्वारा युवाओ के बेरोजगारी का मजाक उड़ाते उनके रोजगार पाने के हक़ को छीन लेने का मामला सामने आया है.. पूरा मामला बिलासपुर वन विभाग का है जिसमे मुख्य वन संरक्षक अधिकारी द्वारा मनमानी पूर्वक अपने ही विभाग के रिटायर्ड स्टेनो को मौखिक आदेश के तहत डेली बेसेस में अपने ही कार्यालय में काम पर रखा गया है. वही जिम्मेदार अधिकारी द्वारा किया गया यह करतूत युवाओ के रोजगार के अवसर का गला घोंटना साबित हो रहा है..

आपको बता दे की रिटायर्ड स्टेनो का नाम आर. के स्वर्णकार है. जिन्होंने सन 1978 में वन विभाग में ज्वाइन किया था और 30 अप्रैल 2020 को मुख्य वन संरक्षक कार्यालय बिलासपुर से ही रिटायर हुए है. इस तरह उन्होंने लगभग 42 वर्षो तक वन विभाग ने लगातार काम किया है.. वही स्टेनो आर के स्वर्णकार के रिटायर्मेंट के बाद युवाओ को रोजगार के अवसर देते कार्य पर रखा जाना था.. लेकिन मुख्य वन संरक्षक अधिकारी द्वारा तुगलकी आदेश यानी केवल मौखिक आदेश के तहत युवाओ के रोजगार के अवसर छीनते हुए रिटायर्ड स्टेनो आर के स्वर्णकार को डेली बेसेस के तहत कार्य पर रख लिया गया है.

कार्यालय में कार्य करते हुए रिटायर्ड स्टेनो, आर. के. स्वर्णकार


एक ओर सरकार द्वारा शिक्षित बेरोजगार युवाओ को रोजगार देने हेतु विभिन्न योजनाओ का क्रियान्वयन कर हर संभव प्रयास किय जा रहा है. वही दूसरी ओर सरकार के ही मनमौजी मुलाजिमो द्वारा अपने तुगलकी रेवैये के चलते युवाओ के रोजगार के अवसर को छीन युवाओ को रोजगार देने की सरकार की मंशा की खुले आम धज्जिय उडाई जा रही है.. ऐसे में उच्च अधिकारियो द्वारा बेरोजगारों के हित को ध्यान में रखते हुए इस मामले में हस्तक्षेप कर सरकार के मंशा के अनुरूप डेली बेसेस में काम कर रहे रिटायर्ड स्टेनो के जगह में किसी बेरोजगार युवाओ को अवसर प्रदान करने की जरुरत समझी जा रही है.

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