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कोरबा/ (जे पी अग्रवाल) / प्रदेश में किसी हाथी का पहली बार एक्सरे किया गया है। इस काम को अंजाम देने के लिए वन विभाग और पशुचिकित्सको को भारी मसक्कत करना पड़ा है। बता दे कि कोरबा शहर से 60 किलोमीटर दूर कुदमुरा परिक्षेत्र के गुरमा बीट के कथराडेरा बस्ती में 14 जून को दोपहर में ध्वजाराम के आँगन में हाथी बीमार हालात में आ कर गिर गया और हाथी द्वारा बार बार पुनः खड़ा होने का प्रयास किया गया लेकिन वह असफल रहा। सूचना मिलने के बाद मुख्य वन संरक्षक अधिकारी बिलासपुर अनिल सोनी के नेतृत्व में वन विभाग की टीम और पशु चिकित्सक बीमार हाथी को स्वास्थ्य करने का भरसक प्रयास कर रहे है.
मुख्य वन संरक्षक बिलासपुर अनिल सोनी ने जानकारी देते हुए बताया कि बीमार हाथी का एक्सरे लेने के लिए चिकित्सक और वन विभाग के टीम को भारी मसक्कत करना पड़ा । उन्होंने बताया कि 22 जून को कोरबा से टेक्नीशियन नवीन मशीह ने न्यू कोरबा हॉस्पिटल के पोर्टेबल x ray मशीन द्वारा हाथी के शरीर का एक्सरे लिया, इस दौरान उन्होंने हाथी के सामने के बायां पैर और गले का x ray लिया। हाथी के बायाँ पैर का X Ray लेने के लिए उसके बायाँ पैर को ऊपर उठाया गया और x ray प्लेट को उसके नीचे रख ऊपर से x ray मशीन से फ़िल्म लिया गया। वही गले के x ray के लिए हाथी के सर के तरफ और शरीर के तरफ बोरे की मदद से गले के नीचे जगह बना कर x ray प्लेट को रख कर फ़िल्म लिया गया। वन संरक्षण अधिकारी ने बताया कि 1600 kg के हाथी के x ray लेने के लिए काफी मसक्कत करना पड़ा।
मुख्य वन संरक्षण अधिकारी सोनी ने बीमार हाथी की स्थिति को स्पष्ट करते हुए बताया कि 8 दिनों से एक ही स्थिति में सोये रहने की वजह से जहाँ जहाँ पर हाथी के स्वयं का भार पड़ रहा है वहां की त्वचा कमजोर हो रही है, हाथी के मुँह में छाले ( स्ट्रोमीटिस ) हो गए है जिसके कारण वह गन्ना को केवल चूस कर फाइबर को उगल दे रहा है और स्ट्रोमीटिस के कारण निगलने में समस्या हो रही है इसलिए बहुत धीरे धीरे भोजन खा रहा है। वही स्ट्रोमाइटिस के इलाज़ के लिए दवाइयों के अलावा ग्लिसरीन और हल्दी का पेस्ट और शहद का लैप लगाया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि गन्ना और कटहल खाने से हाथी द्वारा एक हफ्ते पहले खाये तेंदू के बीज फाइबर के साथ अभी भी गोबर में निकल रहे है और गोबर में अब राउंड वर्म्स के नामो निशान नही है, परंतु इतने बड़े हाथी के स्वस्थ होने के लिए हाथी का खड़ा होना और अपने शरीर के हिसाब से स्वयं से खाना खाना बहुत जरूरी हो गया है। उन्होंने बताया कि इतने बड़े पशु का इतने लंबे समय से सोय हुए रहना उसके स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है।
यहां यह बताना लाजमी है कि मुख्य वन संरक्षण अधिकारी अनिल सोनी के नेतृत्व में चिकित्सको और वन विभाग की टीम द्वारा बीमार हाथी का सघन इलाज किया जा रहा है ।चिकित्सको और वन विभाग की टीम हाथी के स्वास्थ्य पर लगतार नजर बनाए हुए हैऔर वन संरक्षण अधिकारी, वन विभाग की टीम और पशु चिकित्सको द्वारा किया जा रहा यह कार्य सराहनीय है ।
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