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रायगढ़// यूं तो पुलिस को समाज का रक्षक माना जाता है मगर वही रक्षक भक्षक बन जाए तो फिर रक्षा करने का जिम्मा कौन लेगा। जी हां,.. यह सवाल आज इसलिए उठ रहा है क्योंकि रायगढ़ जिले के यातायात विभाग में पदस्थ आरक्षक कुलदीप रजक ने गुस्से में आकर अपनी ही पत्नी का हत्या कर दिया।
दरअसल आज सुबह जूटमिल चौकी को यह सूचना मिली कि यातायात विभाग में पदस्थ आरक्षक कुलदीप रजक की पत्नी की हत्या कर दी गई है। प्राप्त सूचना पर एडिशनल एसपी पुलिस टीम के साथ घटनास्थल फटहामुड़ा पहुंचे जहां कमरे के अंदर खून से लथपथ आरक्षक की पत्नी की लाश संदिग्ध अवस्था में जमीन पर पड़ी हुई थी। उसके सिर पर चोट के गहरे निशान थे। इस मामले में पुलिस द्वारा प्रथम दृष्टया हत्या करना पाया गया और जब आरक्षक कुलदीप से पूछताछ की गई तो उसके द्वारा अपने गैरमौजूदगी में इस घटना को अंजाम देना बताते हुए मनगढंत कहानी बनाने लगा। मगर घटना स्थल की तस्वीर कुछ और ही बयां कर रही थी।
जिसके बाद एडिशनल एसपी व सीएसपी रायगढ़ द्वारा सूझबूझ के साथ इस मामले की जांच की जा रही थी।
इसी बीच घटना स्थल पर प्राप्त साक्ष्य के आधार पर पुलिस को आरक्षक पर संदेह हुआ और संदेह के आधार पर आरक्षक कुलदीप से कड़ाई से पूछताछ किया गया जहां उसने अपनी ही पत्नी का हत्या करना कुबूल किया।
फिलहाल आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है और आगे की कार्रवाई की जा रही है।
आरक्षक कुलदीप ने बताया कि 4 महीने पहले उन दोनों की शादी हुई थी और दोनो किराए के मकान पर रहते थे। दोनो के बीच छोटी मोटी बातों को लेकर आए दिन आपस में झगड़ा होता रहता था। इसी तरह आज सुबह भी दोनों के बीच झगड़ा हुआ और गुस्से में आकर आरक्षक ने अपनी पत्नी के सिर पर सिलबट्टा से वार कर दिया जिससे उसकी मौत हो गई।
यहां यह बताना लाज़मी होगा कि रायगढ़ पुलिस की सूझबूझ के कारण आज हुए हत्या की इस गुत्थी को तो महज़ 24 घंटे के अंदर सुलझा लिया गया है मगर रक्षक कहे जाने वाले पुलिसकर्मी द्वारा भक्षक बन जाने पर यह विभाग के ऊपर सवालिया निशान खड़ा कर रहा है।
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