मौसम : सरकार ने आपदा राहत दलों को तैनात करने का दिया निर्देश, छत्तीसगढ़ राज्य बनने के बाद पहली बार मानसून के आगमन पर सबसे ज्यादा बारिश, प्रदेश के कई जिलों में बरसात ने तोड़ा रिकॉर्ड..

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रायपुर/ छत्तीसगढ़ में पिछले चार दिनों से रुठा मानसून फिर सक्रिय हुआ तो कई रिकॉर्ड टूट गए। मौसम विभाग के आंकड़ों की मानें तो छत्तीसगढ़ राज्य बनने के बाद पहली बार मानसून के आगमन पर 17 जिलों में अब तक की सर्वाधिक बारिश हुई है। मंगलवार दोपहर बाद शुरू हुई बरसात देर रात में विकराल हो गई। मौसम विभाग के मुताबिक बीते 24 घंटों में प्रदेश के 6 केंद्रों पर भारी वर्षा दर्ज हुई है। वहीं 17 जिलों में 30 वर्षों की औसत बरसात का रिकार्ड टूट गया। इन जिलों में औसत से 60 प्रतिशत से लेकर 723 प्रतिशत तक अधिक बरसात हुई है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बाढ संभावित क्षेत्रों में आपदा राहत दलों को तैनात करने के निर्देश दिए हैं।

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मौसम विभाग की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक बेमेतरा, कोरबा, सूरजपुर और कोरिया जिलों में भारी बरसात हुई है। कोरिया जिले के खड़गवां स्टेशन पर एक दिन में सर्वाधिक 91.7 मिलीमीटर वर्षा दर्ज हुई है। वहीं बैकुंठपुर में 77.7 मिमी बरसात है। सूरजपुर जिले के प्रेमनगर में 85.2 और रामानुजनगर में 74.4 मिमी बरसात दर्ज की गई। कोरबा में 75.2 मिमी और बेमेतरा के नवागढ़ में 70 मिमी बरसात का रिकॉर्ड बना है। राजधानी रायपुर की बात करें तो शहर में 31.8 मिमी और माना हवाई अड्‌डे पर 34.8 मिमी बरसात हुई है।

मौसम विभाग के मुताबिक 22 जून की सुबह 8.30 बजे से 23 जून की सुबह 8.30 बजे तक प्रदेश के 17 जिलों में 30 वर्षों की औसत बरसात से बहुत अधिक पानी बरसा है। कोरबा जिले में औसत से 723 प्रतिशत अधिक बरसात हुई। सूरजपुर में 383 प्रतिशत, मुंगेली में 339 प्रतिशत, कबीरधाम में 287 प्रतिशत, कोरिया में 260 प्रतिशत और रायपुर में 133 प्रतिशत अधिक बरसात दर्ज हुई है। मौसम विज्ञानी एचपी चंद्रा ने बताया, 30 वर्ष की बरसात का यह औसत 1981 से 2010 तक के आंकड़ों के आधार पर तैयार हुआ है।

बस्तर-कोण्डागांव और सरगुजा में सामान्य बरसात

मौसम विभाग के मुताबिक बीते 24 घंटों में बस्तर, कोण्डागांव और सरगुजा जिलों में सामान्य बरसात हुई है। बस्तर में औसत से 18 प्रतिशत कम बरसात हुई। वहीं, कोण्डागांव में केवल 13 प्रतिशत अधिक बारिश हुई। कोण्डागांव के बड़े राजपुर में कल सर्वाधिक 22 मिमी बरसात हुई थी। बस्तर के दरभा में सर्वाधिक 14.5 मिमी बरसात दर्ज की गई थी। सरगुजा में केवल 13 प्रतिशत अधिक बरसात हुई। यहां सबसे अधिक 42.5 मिमी पानी मैनपाट में गिरा।

तीन जिलों में बेहद कम बरसात

आंकड़ों के मुताबिक प्रदेश के तीन जिलों नारायणपुर, गरियाबंद और महासमुंद में औसत से बेहद कम बरसात हुई है। नारायणपुर की हालत सबसे खराब रही। वहां 90 प्रतिशत कम बरसात हुई। नारायणपुर में कल 1.7 मिमी बरसात दर्ज हुई। ओरछा में तो पानी ही नहीं बरसा। गरियाबंद जिले में औसत से 47 प्रतिशत कम वर्षा हुई। सबसे अधिक 17 मिमी बरसात देवभोग में हुई है। वहीं महासमुंद जिले में 37 प्रतिशत कम बरसात हुई है। वहां सर्वाधिक 15 मिमी पानी बसना में गिरा है।

आज मध्य छत्तीसगढ़ में भारी बरसात संभावित

मौसम विभाग के मुताबिक, एक ऊपरी हवा का चक्रीय चक्रवाती घेरा उत्तर-पश्चिम बिहार और उससे लगे पूर्वी उत्तर प्रदेश के ऊपर 3.1 किलोमीटर ऊंचाई पर स्थित है। एक द्रोणिका माध्य समुद्र तल पर उत्तर पंजाब से उत्तर-पूर्व बंगाल की खाड़ी तक हरियाणा, उत्तर प्रदेश, उत्तर-पश्चिम बिहार, झारखंड और गंगेटिक पश्चिम बंगाल तक स्थित है। एक ऊपरी हवा का चक्रीय चक्रवाती घेरा बांग्लादेश और उससे लगे उत्तर-पूर्व बंगाल की खाड़ी के ऊपर 2.1 किलोमीटर से 7.6 किलोमीटर ऊंचाई पर स्थित है। ऐसे में प्रदेश में एक-दो स्थानों पर गरज चमक के साथ भारी वर्षा होने तथा आकाशीय बिजली गिरने की संभावना है। भारी वर्षा का क्षेत्र मुख्यतः मध्य छत्तीसगढ़ रहने की सम्भावना है।

अलर्ट पर प्रशासन, मुख्यमंत्री ने कलेक्टरों को दिए निर्देश

प्रदेश में हो रही लगातार बारिश को देखते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कलेक्टरों को निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि बाढ़ की स्थिति में किसी भी तरह की विपरीत परिस्थिति से निपटने के लिए पूरी सतर्कता रखी जाए। लोगों के बचाव और उन्हें राहत पहुंचाने की सभी तैयारी भी रखी जाए। मुख्यमंत्री ने संभावित बाढ़ वाले इलाकों में आपदा प्रबंधन दल को मुस्तैद रखने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा है कि आवश्यकता पड़ने पर प्रभावितों को तत्काल आवश्यक सहायता उपलब्ध कराई जाए। मुख्यमंत्री ने कहा है नदी नालों के जल स्तर पर लगातार निगरानी रखी जाए। इसकी जानकारी नियमित रूप से कंट्रोल रूम में दी जाए। जहां भी बाढ़ की स्थिति निर्मित हो सकती है वहां पूर्व से ही आवश्यक सभी व्यवस्थाएं सुनिश्चित कर ली जाए।

धार्मिक मान्यता के अनुसार अब शुरू हुई वर्षा ऋतु:-

सनातन धर्म की मान्यताओं के अनुसार वर्षा ऋतु की शुरुआत मंगलवार को हो गई। ज्योतिषियों के मुताबिक सूर्य जब आद्रा नक्षत्र में प्रवेश करते हैं तो वर्षा ऋतु शुरू होती है। मंगलवार को सुबह 5.37 बजे ऐसा हो गया। सूर्य 6 जुलाई तक आद्रा नक्षत्र में ही रहेंगे। ज्योतिषीय गणना के आधार पर इस वर्ष अच्छी बरसात की संभावना जताई जा रही है। अनुमान है कि बरसात के इन चार महीनों में औसतन 60 दिन बरसात हो सकती है।

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