संविधान और लोकतांत्रिक सरकार में भारत का संविधान एक जीवित आलेख व समानता अभिब्यक्ति और संरक्षण का विधान है संविधान को कमजोर करने वाले समूहों से रहे सावधान- उर्मिलेश

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मुंगेली //गवर्नमेंट एम्पलाइज वेलफेयर एसोसिएशन छ ग,भीमोत्सव समिति मुंगेली भारतीय संविधान के लागू होने के 72 वर्ष संविधान दिवस को महोत्सव के रूप में आयोजन करती है ,आयोजन के चतुर्थ वर्ष में देश के प्रख्यात वरिष्ठ पत्रकार एवं चिंतक लेखक उर्मिलेश जी एवं डॉ नरेश कुमार साहू शोधकर्ता को आमंत्रित किया गया सतनाम भवन मुंगेली में आयोजित भव्य कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रख्यात पत्रकार उर्मिलेश ने कहा कि डॉ भीमराव अंबेडकर ने भारतीय संविधान को लिखकर देश में ब्याप्त असमानता को दूर करने

आर्थिक ,सामाजिक ,न्यायिक ,राजनैतिक अधिकार के साथ साथ पिछड़ा पन ,सामाजिक भेदभाव समानता धर्म निरपेक्षता के लिए अनुच्छेद 14 से 21 एवं सामाजिक समानता के लिए 340 ,341 के तहत विशेष अधिकार का समावेश किया है जिसके कारण आज भारत के वंचित समाज को जानने सीखने पढ़ने का अवसर मिला , सामाजिक दूरी को समाप्त करने में मदद मिली मुख्य अभ्यागत डॉ नरेश कुमार साहू ने अपने उदबोधन में समाज मे ब्याप्त जाति ब्यवस्था छुवाछुत पर सरकार की नजरिया तथा धर्म बदलने के वर्तमान स्थिति पर गंभीर चिंता ब्यक्त किय संगठन के प्रांताध्यक्ष कृष्णकुमार नवरंग जिला अध्यक्ष सनत कुमार बंजारे ने बताया 26 नवम्बर को एक वृहद कार्यक्रम के तहत संवैधानिक जागरूकता के तहत क्विज प्रतियोगिता में राज्य के 35 से अधिक उच्चतर माध्यमिक विद्यालय के 5हजार से अधिक छत्रों ने भाग लिया जिसमे शास उच्चतर माध्य विद्यालय लालपुर प्रथम ,पड़ियाइन द्वतीय और नैना विद्या मंदिर ,शा कन्या विद्यालय मुंगेली तथा बिल्हा ने तृतीय स्थान प्राप्त किया कार्यक्रम की शुरुआत संविधान की प्रस्तावना का वाचन सुरेश दिवाकर ने किया स्कूल के बच्चों ने सांस्कृतिक कार्यक्रम में शामिल हुआ , समाज के विशेष क्षेत्र में काम करने वाले लोगों में आरंग महिला समिति ,पृथ्वी ग्रीन महिला समिति मुंगेली, जलेश यादव क्रिकेट अकेडमी ,बाघमार मेला ,सेतगंगा मेला समिति सहित प्रतिष्टित लोगों को सम्मनित किया।कार्यक्रम में भुवन बघेल, चंद्र कुमार जांगडे, रोहित डिंडोरे, यतेंद्र भास्कर,किशन भारद्वाज,जयकिशन महिलांग,शैलेश कुर्रे,बसंत कुमार बंजारे, महेंद्र खरे,सिद्ध राम भास्कर,विजय मारखण्डेय,गनपत घृतलहरे, दिनेश घोसले,दिलीप जाटवर,मीन दास पात्रे, दिलीप काठले,अशोक अंचल,फलित घृतलहरे, योगेंद्र भास्कर, अमृत खूंटे,रोहित मोहले,मोहर मोहले,पवन मिरी गोरे लाल बंजारे ,आदि उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन विजय मारखंडे ,एवं आभार प्रदर्शन एस के काठले सहायक संचालक जिला शिक्षा अधिकारी मुंगेली ने किया राज्य का आयोजन अधिकारियों कर्मचारियों शिक्षक के द्वारा आयोजित की गई और उत्सव मनाने एक दिन का आकस्मिक अवकाश लेकर रैली ,सभा में शामिल हुआ ,साथ ही सभी से आव्हान किया की सभी देश व राज्य सरकार से सोसल मीडिया प्लेटफार्म पर ट्वीट तथा लिख मा प्रधानमंत्री ,मा मुख्यमंत्री से 26 nav को अवकाश घोषित करने की मांग करे।

संविधान का अर्थ_

संविधान स्वतंत्रता की अभिव्यक्ति करता है प्रत्येक स्वतंत्र देश अपना संविधान बनाता है।

संविधान सरकार के मूलभूत ढांचे को निश्चित करता है। यह सरकार के मुख्य अंग विधायिका, कार्यपालिका तथा न्यायपालिका की व्यवस्था करता है। संविधान ने केवल प्रत्येक अंग के अधिकार को परिभाषित करता है बल्कि उनके उत्तरदायित्व भी सुनिश्चित करता है यह तीन अंगों के मध्य पारस्परिक संबंध तथा इसका जनता से संबंध स्थापित करता है। संक्षेप में संविधान एक कानूनी किताब है जिसे के अनुसार किसी भी देश की सरकार कार्य करती है।

संविधान में लिखित कानून जी ने आधारभूत कानून भी कहा जाता है। जिनके आधार पर किसी देश के प्रशासन हेतु नियम तथा भी नियम बनाए जाते हैं।

संविधान और लोकतांत्रिक सरकार

भारत जैसे लोकतांत्रिक देश में संविधान का महत्व और भी अधिक है लोकतंत्र में सरकार के क्रियाकलापों में प्रत्यक्ष तथा अप्रत्यक्ष रूप से नागरिक अपनी भागीदारी सुनिश्चित करते हैं । यह ऐसी सरकार होती है जिसमें सरकार की शक्ति स्पष्ट रूप से परिभाषित रहती है लोकतांत्रिक सरकार में नागरिकों के अधिकार का भी स्पष्ट विवरण दिया जाता है सरकार तथा नागरिकों की गतिविधियों की सीमाएं किस प्रकार निर्धारित की जाए यह संविधान के द्वारा

इस प्रकार हम देखते हैं कि संविधान एक आलेख मात्र नहीं है अपितु यह क्रियाशील संस्थाओं की आवश्यकताओं, अपेक्षाओं तथा आकांक्षाओं के साथ निरंतर विकसित होता रहता है। प्रत्येक संविधान की सार्थकता तथा विषय वस्तु उसके क्रियान्वयन के तरीके तथा उसे क्रियान्वित करने वाले व्यक्ति पर निर्भर है इस प्रकार संविधान एक जीवित आलेख है

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