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बिलासपुर/ छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में बिजली बंद होने के कारण फ्रिजर में रखी आइसक्रीम पिघलकर खराब हो गई। इसके चलते दुकानदार को नुकसान उठाना पड़ा। जिला उपभोक्ता फोरम ने इसके लिए छत्तीसगढ़ विद्युत वितरण कंपनी को दोषी माना है। साथ ही नुकसान की भरपाई के लिए आइसक्रीम पार्लर के संचालक को ब्याज सहित क्षतिपूर्ति देने का आदेश दिया है।
फोरम ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद माना कि दुकानदार के पास वैध विद्युत कनेक्शन था और वह नियमित रूप से बिल का भुगतान कर रहा था। ऐसे में विद्युत कटौती के दौरान कंपनी ने लापरवाही बरती। साथ ही उनकी शिकायत पर ध्यान नहीं दिया, जिसके कारण उन्हें आर्थिक और मानसिक क्षति हुई है।
18 प्रतिशत ब्याज के साथ मुआवजा
फोरम ने विद्युत कंपनी को आदेश दिया है कि व्यापारी को नुकसान के लिए 20 हजार रुपए मुआवजा दी जाए। साथ ही 6 हजार 135 रुपए क्षतिपूर्ति 18 प्रतिशत ब्याज, मानसिक क्षति और वाद व्यय के रूप में भुगतान किया जाए।
स्वराज घोष आइसक्रीम पार्लर के संचालक हैं। उन्होंने साल 2021 में बिजली बंद होने से आइसक्रीम के पिघलकर खराब होने पर जिला उपभोक्ता फोरम में शिकायत की थी। इसमें बताया गया कि 16 और 17 फरवरी 2021 को 24 घंटे तक बिजली बंद थी। इसके कारण पार्लर के आइसक्रीम और फ्रोजन उत्पादों को नुकसान हुआ।
विद्युत वितरण कंपनी से की थी कई बार शिकायत
उन्होंने कई बार इसकी शिकायत विद्युत वितरण कंपनी से की। लेकिन, इसके बाद भी कंपनी ने बिजली सप्लाई शुरू करने के लिए कोई ध्यान नहीं दिया और बिजली आपूर्ति में बाधा उत्पन्न कर लापरवाही बरती, जिसका खामियाजा उन्हें भुगतना पड़ा।
बिजली कटौती के लिए तय है नियम
परिवादी व्यापारी ने फोरम को बताया कि नियम के अनुसार विद्युत कंपनी शहरी क्षेत्र में साधारण काम के लिए छह घंटे और बड़े काम के लिए 24 घंटे बिजली बंद कर सकती है। लेकिन, इस मामले में बिजली कंपनी ने साधारण काम के लिए बिना सूचना दिए 24 घंटे बिजली बंद रखी थी। इसलिए, वह नुकसान के लिए कंपनी जिम्मेदार है।
विद्युत वितरण कंपनी ने कहा- बिजली कटौती तकनीकी प्रक्रिया है
इस मामले में फोरम ने विद्युत वितरण कंपनी को नोटिस जारी कर जवाब मांगा। तब कंपनी की तरफ से तर्क दिया गया कि बिजली कटौती एक सामान्य और तकनीकी प्रक्रिया है। बिजली बंद होने पर उपभोक्ता के पास वैकल्पिक साधनों की व्यवस्था होनी चाहिए।
कंपनी ने यह भी दावा किया कि लगातार बिजली की आपूर्ति की गारंटी नहीं दी जा सकती। इसके लिए कंपनी को दोषी ठहराना उचित नहीं है। ऐसे में किसी भी प्रकार की क्षतिपूर्ति के लिए कंपनी जिम्मेदार नहीं है।
Sub Editor