सड़क पर बैठे मवेशी से टकराई बाइक, निजी डेंटल कॉलेज के सुपरवाइजर की मौत, 5 साल में ऐसी 34 मौतें, हाईकोर्ट के आदेश के बाद भी मवेशी सड़को पर..

शेयर करें...

रायपुर/ सड़क पर बैठे मवेशियों के कारण सोमवार की रात हादसे में एक निजी डेंटल कॉलेज के सुपरवाइजर की मौत हो गई। उसलापुर से सकरी के बीच रात करीब आठ बजे यह घटना हुई, जिसमें बाइक सवार रामकुमार कौशिक (53 वर्ष) की मौके पर ही मौत हो गई। आसपास के लोगों ने 112 को सूचना दी। सुपरवाइजर को सिम्स ले जाया गया, जहां डॉक्टर ने मृत घोषित कर दिया।

Join WhatsApp Group Click Here

अटल आवास निवासी रामकुमार कौशिक सकरी स्थित न्यू हॉरिजन डेंटल कॉलेज में सुपरवाइजर थे। सोमवार को दोपहर बाद करीब 4.30 बजे ड्यूटी खत्म हुई तो वे ऑफिस से निकले। इसके बाद कुछ देर सकरी में ही लोगों से मिलते जुलते रहे। रात को जब अपनी बाइक क्रमांक सीजी 10 ईके 5984 से घर जा रहे थे, तभी सड़क पर अंधेरे में बैठे मवेशियों नजर नहीं आए और बाइक टकरा गई।

यह टक्कर इतनी तेज थी कि मौके पर ही कौशिक का सिर गंभीर रूप से जख्मी हो गया। आसपास के लोगों ने देखा तो डायल 112 को खबर दी। हालांकि सिम्स पहुंचने से पहले जान जा चुकी थी। लोगों के मुताबिक जिस जगह हादसा हुआ है, वहां हमेशा मवेशियों का जमावड़ा रहता है।

जिले की सड़कों पर मवेशियों से 130 हादसे

जिले में मवेशियों के कारण पिछले पांच साल में 130 हादसे हुए हैं। इनमें 34 लोगों की जान चली गई। 60 लोग घायल हो गए हैं। नेशनल हाइवे से लेकर स्टेट रोड के अलावा बाजार, गली-मोहल्ले, कॉलोनी और शहर की सड़कों पर मवेशी आम लोगों के लिए परेशानी की सबब बन रहे हैं। इनके कारण आए दिन दुर्घटनाएं हो रही है। पिछले 5 साल में मवेशियों के कारण ही जिले में 120 सड़क हादसे हुए और इनमें 34 की जान चली गई। साथ ही, दुर्घटना में 60 लोग घायल हो गए।

तीन साल में 150 से अधिक मवेशियों की मौत

सड़क पर मवेशियों के बैठने से लोग दुर्घटना के शिकार तो रहे हैं। साथ ही, गाय-बैलों की भी जान जा रही है। पिछले 3 साल में जिले में हुए सड़क हादसों में 150 से अधिक मवेशियों की सड़क पर मौत हो चुकी है। दरअसल, बारिश के दौरान जानवरों को मच्छर काटते हैं। इनसे बचने के लिए वे साफ-सुथरी जगह देखकर सड़कों पर बैठ जाते हैं।

लगातार गाड़ियों के गुजरने से मच्छर-मक्खी शरीर से उड़ जाते हैं। इस कारण सड़क पर मवेशियों का जमावड़ा रहता है। हाई कोर्ट ने कहा था, सड़कों पर मवेशियों का बैठना बड़ा खतरा है। इसे रोकने के लिए हर संभव कदम उठाएं। लेकिन अब तक न कमेटियों का पता है, न ही कड़ाई का। मवेशी मालिकों पर जुर्माने की खानापूर्ति की जा रही है।

सीएस से लेकर पंचायतों तक के लिए थे निर्देश

8 जुलाई को हाई कोर्ट ने दो जनहित याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए विस्तृत निर्देश जारी किए थे। चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा ने 13 जुलाई को एक बार फिर सड़कों पर घूमते मवेशियों को लेकर तल्खी जताई और अपने अनुभवों को भी साझा किया। मुख्य सचिव की अध्यक्षता में हाई पॉवर कमेटी बनाई जाए और सड़कों से मवेशियों को हटाने के लिए किए जाने वाले कार्यों को लेकर प्लान बनाकर कोर्ट में पेश किया जाए। इसके बाद अफसर अचानक हरकत में जरूर आए, लेकिन नतीजा कुछ नहीं निकला।

शहर से आउटर तक हर सड़क पर कब्जा

शहर की हर सड़क पर मवेशियों का कब्जा है। मंगला से उसलापुर सकरी व नूतन चौक से सीपत रोड, महाराणा प्रताप चौक से मंगला रोड, महामाया चौक से कोनी रोड, तोरवा से मोपका रोड, गांधी चौक से तोरवा चौक, लिंक रोड, राजेंद्र नगर रोड, नेहरू चौक से मंगला रोड, शनिचरी बाजार रोड, गोड़पारा,बृहस्पति बाजार, चिंगराजपारा में मवेशियों की संख्या बढ़ती जा रही है। शहर में 45 प्रतिशत मवेशियों के मालिक हैं और 55 प्रतिशत मवेशी आवारा घूमते हैं।

Scroll to Top