छत्तीसगढ़ में बीजेपी की ‘मोदी की गारंटी’ वाला घोषणा पत्र, क्या भाजपा, कांग्रेस के वादों से डरकर “मोदी की गारंटी” लाई है? पढ़ें पूरी खबर..

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रायपुर/ अंततः कांग्रेस पार्टी की 17 चुनावी घोषणाओं के बाद, ‘मोदी की गारंटी’ वाला भाजपा का घोषणापत्र आ ही गया। शुक्रवार को गृहमंत्री अमित शाह ने रायपुर में इसे जारी किया। घोषणाओं की रेवड़ी में भाजपा कई मामलों में, कांग्रेस से आगे नज़र आ रही है। ऐसा लग रहा है कि कई मुद्दों पर, कांग्रेस की घोषणाओं को लक्ष्य कर, इस घोषणापत्र को बनाया गया है।

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विवाहित महिलाओं को 12 हज़ार रुपये और मज़दूरों को 10 हज़ार रुपये की वार्षिक सहायता, युवाओं को 50 फ़ीसदी सब्सिडी के साथ ब्याज मुक्त कर्ज़, साल भर के भीतर एक लाख खाली पदों पर भर्ती, 18 लाख प्रधानमंत्री आवास के घर बनाने जैसी कई बातें इस घोषणापत्र में हैं। इस घोषणापत्र के साथ मूल रूप से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चेहरे का उपयोग किया गया है और छत्तीसगढ़ के नेताओं को किनारे कर इसे ‘मोदी की गारंटी’ का नाम दिया गया है।

हालांकि गेम चेंजर कहे जाने वाले, किसानों की कर्ज़ माफ़ी और बिजली बिल माफ़ करने जैसी कांग्रेस की घोषणा के मुद्दे पर, भाजपा का घोषणापत्र मौन है। लेकिन ठहरिए। कांग्रेस पार्टी ने अभी केवल घोषणाएं की हैं। 17 घोषणाएं। लेकिन कांग्रेस पार्टी का घोषणापत्र अभी नहीं आया है। क्या भाजपा के इस घोषणापत्र के बाद कांग्रेस पार्टी अपनी घोषणाओं से दो क़दम आगे जा कर, घोषणापत्र जारी कर सकती है?

जवाब ‘ना’ में भी हो सकता है और ‘हां’ में भी। राजनीति अनंत संभावनाओं का क्षेत्र है, जहां असंभव जैसा कुछ भी नहीं होता। बहरहाल, कांग्रेस का अगला कदम क्या होगा, इसके लिए कांग्रेस के घोषणापत्र की प्रतीक्षा करनी होगी।

अब बात प्रमोद की। शुक्रवार की सुबह छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, पार्टी के अध्यक्ष दीपक बैज और छत्तीसगढ़ कांग्रेस पार्टी ने अपने एक्स हैंडल पर एक संदेश डाला- प्रमोद को उन्होंने क्या दिखाया? फिर प्रमोद ने उन्हें क्या बताया? थोड़ी देर में पता चलेगा। कयास लगने लगे कि शायद कोई स्टिंग ऑपरेशन का मामला सामने आने वाला है। कई पोर्टल ने गंभीर अनुमान लगाते हुए ख़बरें भी चला दीं। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से जब इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने भी मामले को टाल दिया।

लेकिन शाम होने पर खोदा पहाड़, निकला चूहा वाले अंदाज़ में, प्रमोद के नाम से कांग्रेस के कुछ विज्ञापन जारी हो गए और सारे कयास धरे रह गए। उत्तरप्रदेश और बिहार की पृष्ठभूमि पर बनी ‘पंचायत’ वेब सीरीज़ के चर्चित संवाद ‘देख रहा है बिनोद’ की तर्ज पर ‘देख रहा है प्रमोद’ को उसी अंदाज़ में पेश करने की कोशिश की गई है।

इस विज्ञापन फ़िल्म में पंचायत के ही कलाकारों को लिया गया है। लेकिन संकट ये है कि ये पूरा विज्ञापन, वेशभूषा और बोलने के अंदाज़ में भी, छत्तीसगढ़ के बजाय बिहार या उत्तरप्रदेश का विज्ञापन अधिक नज़र आता है। इस विज्ञापन का कितना असर छत्तीसगढ़ में होगा, इसे जानने के लिए अभी प्रतीक्षा करनी होगी।

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