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रायगढ़/ शहर के खेल मैदानों की हालत खराब है। रायगढ़ स्टेडियम में अकादमी के खिलाड़ियों को छोड़ दूसरे के खेलने की अनुमति नहीं है। बच्चों और खिलाड़ियों के लिए रामलीला मैदान, संजय मैदान और लाल मैदान जैसे ग्राउंड बदहाल हैं। स्कूलों में भी खेल मैदान नहीं रह गए हैं। खेलों के बदले मैदानों पर कार्यक्रम और आयोजन ज्यादा होते हैं। छत्तीसगढ़ ओलिंपिक की शुरुआत 17 जुलाई से हो रही है। हर ग्राम पंचायत सहित नगरीय निकाय क्षेत्रों में खेलों का आयोजन किया जाएगा। शहर के मैदानों में खेल प्रतियोगिता आयोजित की जाएगी। मैदानों की स्थिति खराब होने के कारण रायगढ़ स्टेडियम का उपयोग किया जा सकता है। शहर के रामलीला मैदान के जीर्णोद्धार करने की बात शहर सरकार के घोषणा पत्र में की गई थी, लेकिन तीन साल गुजरने के बाद भी मैदान की दशा नहीं बदली गई है। रामलीला मैदान के जीर्णोद्धार के लिए शासकीय स्वीकृति मिली है। इसके बाद भी मैदान का जीर्णोद्धार फाइलों से बाहर नहीं निकल सका है। जिसकी वजह से खेल प्रतियोगिता आयोजित नहीं होती है। शहर से नेशनल या इंटरनेशनल स्तर के खिलाड़ी तैयार नहीं हो पा रहे हैं। खेल संगठन बार-बार ज्ञापन, मांग, प्रदर्शन के बाद हार चुके हैं। जिले में कोई भी खेल संघ नहीं बन सका, जिसमें खिलाड़ी जुड़कर आगे बढ़ सके। इससे खिलाड़ियों को सरकार या उद्योगों से कोई सहयोग नहीं मिल पा रहा, जिससे वे नेशनल या इंटनेशनल स्तर पर अच्छा प्रदर्शन कर सके।
हरेली के साथ होगी शुरुआत
छत्तीसगढ़िया ओलिंपिक को काफी लोकप्रियता मिली।इस बार हरेली तिहार के दिन शुरू होने वाली छत्तीसगढ़िया ओलिंपिक को और भी रोमांचक बनाने के लिए एकल श्रेणी में दो नए खेल रस्सीकूद एवं कुश्ती को भी शामिल किया गया है। इस बार 16 तरह की खेलों में स्पर्धाएं आयोजित होंगी। इसमें दलीय एवं एकल श्रेणी में छत्तीसगढ़िया लोक-संस्कृति में 8-8 तरह के खेलों को शामिल किया गया है।
ग्राम पंचायत स्तर से होगी शुरुआत, फिर बढ़ेंगे आगे
17 जुलाई से छत्तीसगढ़ी ओलिंपिक शुरू हो रहा है, जो 6 लेवल में पूरा किया जाएगा। हर ग्राम पंचायत स्तर में क्लब लेबल पर शुरू होंगे। फिर 8 क्लब के बीच खेलों का आयोजन होगा। वहां से विकासखंड के बाद जिला स्तरीय प्रतियोगिता होगी। सारंगढ़ और रायगढ़ जिले के 613 ग्राम पंचायतों में छत्तीसगढ़ी ओलिंपिक का आयोजन होगा।
इधर हो रहा स्टेडियम का जीर्णोद्धार
पिछले लंबे समय से स्टेडियम की जीर्णोद्धार की मांग की जा रही थी। इनडोर गेम्स सहित चेजिंग रूप, पॉवेलियन व अन्य खेलों के लिए स्टेडियम का जीर्णोद्धार किया जा रहा है। कलेक्टर की पहल से सीएसआर मद स्टेडियम की रूपरेखा बदली जा रही है। इससे जिले के खिलाड़ियों को खेल का माहौल मिले और राष्ट्रीय स्तर व अंतरराष्ट्रीय स्तर प्रतियोगिता के खिलाड़ी तैयार किए जा सके। रायगढ़ स्टेडियम में करोड़ों की लागत से एथलेक्टिस ट्रेक बनाने की बात भी सामने आ रही है। इसके बन जाने से जिले के खिलाड़ियों की पहचान तो मिलेगी, लेकिन अन्य खेल इससे प्रभावति होंगे। क्योंकि स्टेडियम में रनिंग ट्रैक बनाने में 70 प्रतिशत जगह ले लेगा, जिससे अन्य खेल नहीं हो पाएंगे।
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