छत्तीसगढ़ के टोल और नेशनल हाइवे से गुजरने वाली गाड़ियों की ऑनलाइन मॉनिटरिंग, जिन वाहनों का इंश्योरेंस और फिटनेस नहीं, सॉफ्टवेयर पता लगाकर 30 मिनट में मोबाइल पर भेज देगा ई-चालान, पढ़े पूरी जानकारी..

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रायपुर/ छत्तीसगढ़ के टोल और नेशनल हाइवे से गुजरने वाली गाड़ियों की ऑनलाइन मॉनिटरिंग का सिस्टम तैयार किया गया है। इसी माह नया सिस्टम लागू कर दिया जाएगा। उसके बाद जिनका फिटनेस नहीं हुआ, टैक्स अदा नहीं हुआ या बीमा लैप्स हो चुका है, ऐसे वाहन जैसे ही टोल नाके से गुजरेंगे वहां लगे सर्विलांस सिस्टम में रिकार्ड चेक हो जाएगा।

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30 मिनट के भीतर ही ऐसे वाहन मालिक के मोबाइल पर चालान का मैसेज आ जाएगा। ये रिकार्ड आरटीओ में भी दर्ज होगा। जुर्माना जमा करने तक यह रिकॉर्ड में रहेगा। 8-10 बार से ज्यादा ई-चालान होने पर वाहन का रजिस्ट्रेशन निरस्त कर दिया जाएगा।

ऐसा हाईटेक सिस्टम ई-डिटेक्शन लागू करने वाला छत्तीसगढ़ देश का दूसरा राज्य है। इस साल जनवरी में यही सिस्टम ओडिशा में लागू किया गया है। वहां के सिस्टम की समीक्षा के बाद उसे मई में छत्तीसगढ़ में लागू किया जाएगा।। पहले चरण में टोल और एनएच पर इसे लागू किया जा रहा है। उसके बाद खनन क्षेत्र और औद्योगिक इलाके में लागू किया जाएगा।

क्या है ई-डिटेक्शन पोर्टल

आरटीओ ने बताया कि ई-डिटेक्शन पोर्टल एनआईसी की मदद से तैयार किया गया है। इसका क्लाउड स्टोरेज पर सर्वर होगा। यह ऑटोमेटिक काम करता है। टोल से गुजरने वाली गाड़ियां और फास्टैग का रोजाना का रिकॉर्ड वाहन पोर्टल में रहता है। इसे ई-डिटेक्शन पोर्टल से लिंक किया जाएगा। टोल से जितनी भी गाड़ियां गुजरेगी वह क्लाउड स्टोरेज में जाएगा। वहां गाड़ी के नंबर के आधार पर ऑटोमेटिक सॉफ्टवेयर विश्लेषण करेगा कि किस गाड़ी के दस्तावेज पूरे हैं किसके नहीं। जिन वाहनों के नहीं होंगे उसके मालिक के फोन पर ई-चालान का मैसेज आ जाएगा। उसमें चालान ऑनलाइन जमा करने के लिए लिंक दिया जाएगा। चालान जमा करने के लिए आरटीओ आने की जरूरत नहीं होगी।

उरला, सिलतरा, अभनपुर और समोदा में लगेगा एएनपीआर


आरटीओ के अफसरों ने बताया कि दूसरे चरण पर औद्योगिक क्षेत्र और खनन वाले इलाके में ऑटोमेटिक नंबर प्लेट रीडर (एएनपीआर) कैमरा लगाया जाएगा। यह भी क्लाउड स्टोरेज सर्वर से जुड़ा रहेगा। वहां से गुजरने वाली गाड़ियों का नंबर स्कैन कर सर्वर को भेजा गया। फैक्ट्रियों, रेत, कोयला, गिट्‌टी, मुरुम समेत खनन क्षेत्रों से निकलने वाली गाड़ियों पर नजर रहेगी। रायपुर के सिलतरा, उरला, अभनपुर, बलौदाबाजार रोड के अलावा समोदा, पारागांव के आसपास इसे लगाने की तैयारी है। दूसरे चरण में राज्य में 9 जगह चिन्हित किया गया है। उसके बाद अन्य जगहों पर लगाया जाएगा।

2 लाख 66 हजार वाहनों का नहीं करवाया फिटनेस

अधिकारियों ने बताया कि हर साल आरटीओ में एक लाख गाड़ियां फिटनेस टेस्ट के लिए आती है। सभी कमर्शियल गाड़ियां है। इसमें बड़ी गाड़ियों की संख्या ज्यादा है। पिछले साल पंजीकृत 2.66 लाख गाड़ियों ने फिटनेस टेस्ट ही नहीं कराया गया। बिना फिटनेस लाखों वाहन सड़कों पर दौड़ रहे हैं। अब ऐसी गाड़ियों पर सख्ती की जाएगी। इससे सड़क हादसे भी कम होंगे, क्योंकि गाड़ियों को सड़क पर चलाने के लिए टैक्स जमा करना जरूरी है। पंजीकरण प्रमाण पत्र, फिटनेस प्रमाण पत्र, परमिट, बीमा और सभी वाहनों के लिए प्रदूषण नियंत्रण प्रमाण पत्र (पीयूसीसी) जैसे वैध दस्तावेज होने अनिवार्य है। सभी वाहन चालकों के लिए ड्राइविंग लाइसेंस अनिवार्य है। पर्सनल वाहनों के लिए फिटनेस और परमिट की आवश्यकता नहीं होती है।

सात टोल प्लाजा में सुविधा शुरू

“राज्य के 7 टोल प्लाजा में अभी यह सुविधा शुरू की गई है। इसके बाद 9 जगहों पर एएनपीआर लगाया जाएगा। उसके बाद अन्य सड़कों पर लागू किया जाएगा। इससे हादसों में कमी आएगी।” -दीपांशु काबरा, परिवहन आयुक्त

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