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मुंगेली// राज्य शासन के दिशा-निर्देशो के अनुरूप धान की फसल को चराई से बचाने के लिए मवेशियों को प्रतिबंधित करने हेतु 19 जून को पंच, सरपंच, जनप्रतिनिधि, ग्राम के गणमान्य नागरिको और ग्रामवासी एवं चरवाहे मिलकर प्रचलित रोका-छेका की व्यवस्था को और अधिक सुदृढ़ रूप से लागू करने के संबंध मे निर्णय लेंगे।
जिला पंचायत के मुख्य कार्य पालन अधिकारी नुपूर राशि पन्ना ने प्रचलित रोका-छेका व्यवस्था के संबंध मे लिए गये निर्णय को लागू करने हेतु जिले के सभी जनपद पंचायत के मुख्य कार्य पालन अधिकारियो को दिशा निर्देश जारी किये है। उन्होने जारी दिशा निर्देश में कहा है कि रोका -छेका प्रथा अंतर्गत गौठानों में पशुओ के प्रबंधन व रखरखाव की उचित व्यवस्था हेतु गौठान प्रबंधन समिति की बैठक आयोजित की जाए। पहटिया चरवाहे की व्यवस्था से पशुओ का गौठानों मे व्यवस्थापन सुनिश्चित कराया जाए। खुले मे विचरण कर रहे पशुओं का नियंत्रण व गौठानों में संधारण , गौठानों मे पशु चिकित्सा तथा स्वास्थ्य शिविर का आयोजन, वर्षा के मौसम में गौठानो मे पशुओ के सुरक्षा हेतु व्यापक प्रबंध, वर्षा से जल भराव की समस्या दूर करने के लिये गौठानों में जल निकास की समुचित व्यवस्था तथा गौठान परिसर में पशुओ के बैठने हेतु कीचड़ आदि से मुक्त स्थान की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए।
इसी तरह जारी निर्देश मे कहा गया है कि गौठानों मेें पर्याप्त चारा (पैरा आदि) की व्यवस्था की जाये। गौठानों में ग्रामीणजनों की समुचित भागीदारी, रखरखाव हेतु जागरूकता का कार्य स्थानीय कला जत्था समूहों के माध्यम से व्यापक प्रचार-प्रसार कर किया जाए। गौठानों से संबंद्ध स्वसहायता समूहों द्वारा उत्पादित सामग्री का प्रदर्शन किया जाए। इसके अलावा उन्होने रोका-छेका व्यवस्था का स्थानीय स्तर पर व्यापक प्रचार-प्रसार सुनिश्चित करने के लिए कहा है।
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