बड़ी खबर: लॉकडाउन में श्रमिकों को वेतन नहीं देने वाली कंपनियों को राहत, सुप्रीम कोर्ट ने कहा- कार्रवाई न करे सरकार

शेयर करें...

नई दिल्ली/ कोरोना वायरस की वजह से देश में लागू लॉकडाउन के दौरान श्रमिकों को वेतन नहीं देने वाले नियोक्ताओं को सुप्रीम कोर्ट ने बड़ी राहत दी है. इस बारे में दायर एक याचिका पर सुनवाई के दौरान शीर्ष अदालत ने केंद्र सरकार से उसकी इस बारे में जारी अधिसूचना की वैधता पर हलफनामा मांगा है. इसके साथ ही शीर्ष अदालत ने कहा कि अभी किसी उद्योग पर दंडात्मक कार्रवाई न हो. उद्योग और मजदूर संगठन मिलकर इस समस्या का समाधान निकालने की कोशिश करें और 54 दिन की अवधि के वेतन पर सहमति न बने तो श्रम विभाग की मदद ले. वही जुलाई के आखिरी हफ्ते में फिर सुनवाई होगी.

Join WhatsApp Group Click Here

SC का कहना है कि सरकार उन निजी नियोक्ताओं के खिलाफ कोई कठोर कदम नहीं उठाएगी, जो लॉकडाउन के दौरान श्रमिकों को मजदूरी देने में विफल रहे. राज्य सरकार के श्रम विभागों द्वारा वेतन भुगतान की सुविधा के संबंध में कर्मचारियों और नियोक्ताओं के बीच बातचीत कर मजदूरों को 54 दिन के लॉकडाउन के दौरान की मजदूरी के भुगतान के लिए बातचीत करनी होगी. उद्योग और मज़दूर संगठन समाधान की कोशिश करें

इसके साथ ही शीर्ष अदालत ने केंद्र सरकार को 29 मार्च के अपने आदेश की वैधानिकता पर जवाब दाखिल करने के लिए 4 और सप्ताह दिया, जिसमें सरकार ने मजदूरी के अनिवार्य भुगतान का आदेश दिया गया था. लॉकडाउन के दौरान निजी कंपनियों व फ़ैक्टरियों आदि के कमर्चारियों को पूरा वेतन देने के सरकारी आदेश पर पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि इस मामले में सुप्रीम कोर्ट का आदेश आने तक कर्मचारियों को पूरा वेतन देने में असमर्थ रहे कम्पनी मालिकों के खिलाफ कोई कार्रवाई न की जाए.


सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट में सरकार ने कहा था कि जब लॉकडाउन शुरू हुआ था तो कर्मचारियों के काम वाली जगह को छोड़कर अपने गृह राज्यों की ओर पलायन करने से रोकने की मंशा के तहत तब अधिसूचना जारी की थी. लेकिन अंततः ये मामला कर्मचारियों और कंपनी के बीच का है और सरकार इसमें दखल नहीं देगी.

Scroll to Top