उत्कृष्ट कार्य करने वाले होंगे सम्मानित – कलेक्टर भीम सिंह, पोषण अभियान अंतर्गत जिला स्तरीय अभिसरण समिति और महिला बाल विकास विभाग की समीक्षा बैठक संपन्न…

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रायगढ़// कलेक्टर भीम सिंह ने आज कलेक्टोरेट परिसर स्थित सृजन सभाकक्ष में महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा संचालित पोषण अभियान अंतगत जिला स्तरीय अभिसरण समिति की बैठक लेकर विभागीय कार्यों की समीक्षा की।

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कलेक्टर ने बैठक में आये जिले के सभी महिला एवं बाल विकास विभाग के परियोजना अधिकारियों, सभी पर्यवेक्षकों को संबोधित करते हुए कहा कि आप लोग अपने क्षेत्रों में जो कार्य कर रहे है वह केवल शासकीय सेवा ही नहीं बल्कि पवित्र मानव सेवा और समाज सेवा का कार्य है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की मंशा अनुरूप तीन वर्षो में पूरे प्रदेश को कुपोषण मुक्त करना है इसमें एक वर्ष व्यतीत हो गया है। इस कुपोषण मुक्ति अभियान में महिला एवं बाल विकास विभाग की सबसे बड़ी भूमिका है।

उन्होंने कहा कि ज्यादा दिनों तक बच्चों के कुपोषित रहने पर उसका मानसिक विकास बाधित हो जाता है इसलिए हम सभी को निष्ठापूर्वक प्रयास करके आगामी दो वर्षो के भीतर रायगढ़ जिले के बच्चों को कुपोषण से मुक्ति दिलाना है।

कलेक्टर ने कुपोषित बच्चों को दिये जाने वाले भोजन में प्रतिदिन दूध प्रदाय करने के निर्देश दिये। उन्होंने यह भी कहा कि आंगनबाड़ी केन्द्रों के बाहर वॉल पेटिंग (दीवार लेखन) कर कुपोषित बच्चों की संख्या का विवरण और अन्य जानकारियां प्रदर्शित की जाये जिससे गांव के सरपंच सहित जनप्रतिनिधियों की जानकारी में रहे। उन्होंने गर्भवती महिलाओं को गुणवत्तापूर्ण पौष्टिक खाद्य सामग्री प्रदान करने के निर्देश दिये।

कलेक्टर सिंह ने कुपोषण से मुक्ति अभियान में पिछले और वर्तमान दिनों में कुपोषित बच्चों की संख्या सहित तुलनात्मक विवरण प्रस्तुत करने के निर्देश दिये। उन्होंने जिले के सभी एनआरसी केन्द्रों (पोषण पुनर्वास केन्द्र) को मार्डन बनाये जाने के निर्देश दिये, उन्होंने कहा कि सभी एनआरसी केन्द्रों में स्वच्छ वातावरण, शुद्ध पेयजल, शौचालय, लाइट-पंखे तथा बच्चों के खेलने के लिये खुली जगह तथा खिलौने सहित सभी मूलभूत आवश्यकतायें उपलब्ध होनी चाहिये। उन्होंने महिला एवं बाल विकास विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों को मैदानी क्षेत्र के कर्मचारियों की मांग पर सभी एनआरसी केन्द्रों में एक-एक अतिरिक्त कम्प्यूटर एवं डाटा एन्ट्री ऑपरेटर उपलब्ध कराने के निर्देश दिये। उन्होंने एनआरसी केन्द्र में टीवी लगाये जाने के निर्देश दिये जिसके माध्यम से ग्रामीण विकास तथा राज्य शासन द्वारा संचालित शासकीय योजनाओं का प्रसारण किया जायेगा। उन्होंने यह भी कहा एनआरसी केन्द्रों और आंगनबाड़ी केन्द्रों के कर्मचारियों की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जायेगी। जिले के सभी आंगनबाड़ी केन्द्र नियमित खोले जायेंगे और वहां के कर्मचारियों को अवकाश में जाने पर विभागीय अधिकारियों को वैकल्पिक व्यवस्था करनी होगी। कलेक्टर सिंह ने कहा कि विभागीय परीक्षण के दौरान कुपोषण मुक्त पंचायत पाये जाने पर महिला एवं बाल विकास विभाग के जो कर्मचारी अच्छा कार्य करेंगे उन्हें प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया जायेगा।

कलेक्टर सिंह ने अधिकारियों को सचेत करते हुये कहा कि विभाग के वरिष्ठ अधिकारी केवल अपने मुख्यालयों तक सीमित न रहे उन्हें गांवों में जाकर विभाग के संख्यात्मक विवरण और योजनाओं का प्रमाणीकरण भी करना होगा और आंगनबाड़ी केन्द्रों के माध्यम से वितरण की जाने वाली सामग्रियों का शत-प्रतिशत वास्तविक विवरण उपलब्ध कराना होगा। उन्होंने यह भी कहा कि जो समूह कुपोषण हटानेे में इच्छुक हो तथा अच्छी क्वालिटी के भोजन उपलब्ध करा सके उन्हीं को कार्य दें। कलेक्टर सिंह ने महिला एवं बाल विकास विभाग तथा स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को आपसी कोआर्डिनेशन के साथ कार्य करने के निर्देश दिये।
कलेक्टर सिंह ने कहा कि केन्द्र तथा राज्य शासन की ओर से प्रधानमंत्री मातृवंदना योजना, महतारी जतन योजना, कुपोषण मुक्ति अभियान जैसी महत्वपूर्ण योजनायें महिला एवं बाल विकास विभाग के माध्यम से संचालित की जा रही है। अत: इन योजनाओं का लाभ पात्र व्यक्तियों को मिलना चाहिये।

कलेक्टर सिंह ने 6 जुलाई को पौधारोपण अभियान के तहत प्रत्येेक आंगनबाड़ी केन्द्र के परिसर में 5-5 मुनगा के पौधे लगाने और इनका संरक्षण करने के निर्देश दिये ये पौधे वन विभाग द्वारा नि:शुल्क उपलब्ध कराये जायेंगे। बैठक के दौरान जिला बाल संरक्षण अधिकारी, चाइल्डपूल के समन्वयक, बालगृह के संचालक और सखी सेंटर के केन्द्र प्रशासक ने अपनी-अपनी विभागीय जानकारियों से कलेक्टर को अवगत कराये।

बैठक में जिला पंचायत सीईओ ऋचा प्रकाश चौधरी, सीएचएमओ डॉ.एस.एन.केशरी, जिला खाद्य अधिकारी, श्रम अधिकारी सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

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