शेयर करें...
आरटीपीसीआर जांच के लिए प्रदेश के चारों लैब में पर्याप्त किट, तीन और मेडिकल कॉलेजों में बीएसएल-2 स्तरीय लैब की स्थापना का काम जोरों पर
आपदा राहत निधि, 14वें वित्त आयोग और मूलभूत की राशि से गांवों में क्वारेंटाइन व्यवस्था का संचालन
कोविड-19 के मद्देनजर स्वास्थ्य सेवाओं के सुदृढ़ीकरण के लिए मुख्यमंत्री राहत कोष से सभी जिलों को 25-25 लाख और विकासखंडों को 10-10 लाख रूपए जारी
प्रदेश में किसी भी व्यक्ति की कोरोना संक्रमण से मृत्यु नहीं
रायपुर/ कोविड-19 पर नियंत्रण के लिए इसकी जांच और इलाज की प्रदेश में पुख्ता व्यवस्था की गई है। कोरोना वायरस संक्रमितों की पहचान के लिए जांच का दायरा लगातार बढ़ाया जा रहा है। प्रदेश में स्थापित चार लैबों एम्स, रायपुर के डॉ. भीमराव अंबेडकर स्मृति चिकित्सालय तथा जगदलपुर व रायगढ़ मेडिकल कॉलेज के माध्यम से रोज तीन हजार से अधिक सैंपलों की जांच हो रही है। आरटीपीसीआर जांच के लिए इन चारों लैब में पर्याप्त मात्रा में किट उपलब्ध हैं। रायपुर के लालपुर स्थित लैब में भी ट्रू-नॉट विधि से सैंपलों की जांच की जा रही है। प्रदेश में अब तक 55 हजार से अधिक कोविड-19 संभावितों के सैंपल की जांच हो चुकी है। राजनांदगांव, बिलासपुर और अंबिकापुर के शासकीय मेडिकल कॉलेजों में भी कोरोना वायरस जांच के लिए आईसीएमआर के मानकों के अनुरूप बीएसएल-2 लैब की स्थापना का काम जोरों पर हैं।
कोविड-19 के इलाज के लिए प्रदेश में विशेषीकृत अस्पतालों की स्थापना के साथ ही मौजूदा अस्पतालों का सुदृढ़ीकरण किया जा रहा है। विशेषीकृत अस्पतालों में इसके इलाज के लिए 1760 और अन्य अस्पतालों में 1586 बिस्तरों की व्यवस्था है। प्रदेश के 115 आइसोलेशन सेंटर्स में भी 5515 बिस्तर हैं, जहां कोविड-19 का उपचार किया जा सकता है। इस तरह कुल 8801 बिस्तरों पर अभी इलाज की व्यवस्था है। आवश्यकता पड़ने पर निजी अस्पतालों का भी अधिग्रहण कर इलाज की तैयारी है। राज्य के विभिन्न कोविड अस्पतालों में इलाजरत मरीज पूर्ण रूप से स्वस्थ होकर घर लौट रहे हैं। अब तक 67 लोग इलाज के बाद बिलकुल स्वस्थ हो चुके हैं। अलग-अलग अस्पतालों में अभी 186 मरीजों का उपचार चल रहा है। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कोविड-19 के मद्देनजर स्वास्थ्य सेवाओं की मजबूती के लिए सभी जिलों को 25-25 लाख रूपए और प्रत्येक विकासखंड को दस-दस लाख रूपए मुख्यमंत्री राहत कोष से जारी किए हैं।
प्रदेश में कोविड-19 से निपटने की तैयारियां जनवरी माह से ही शुरू कर दी गई थीं। स्वास्थ्य विभाग द्वारा रायपुर एयरपोर्ट पर विदेश एवं संक्रमित क्षेत्रों से लौटने वालों की निगरानी फरवरी से ही प्रारंभ कर दी गई थी। वर्तमान में बड़ी संख्या में लौट रहे प्रवासी मजदूरों की स्टेशन में ही आर.डी. किट से जांचकर क्वारेंटाइन सेंटर्स में भेजा जा रहा है। क्वारेंटाइन सेंटर्स में श्रमिकों की सेहत की जांचकर कोरोना वायरस संक्रमण के लक्षण वालों के आरटीपीसीआर जांच के लिए सैंपल लिए जा रहे हैं। अभी तक 15 हजार से अधिक प्रवासियों के सैंपलों की आरटीपीसीआर जांच की जा चुकी है। क्वारेंटाइन सेंटर्स में प्रवासी श्रमिकों के लिए पर्याप्त सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं। किसी भी व्यक्ति की कोरोना संक्रमण से मृत्यु नहीं हुई है। बिलासपुर जिले के मस्तुरी के मोहन लाल, मुंगेली के पुनीत टंडन एवं पाली की अन्टिला बाई के सैंपल लेकर आरटीपीसीआर जांच की गई है। इन सभी की रिपोर्ट निगेटिव आई है।
प्रवासी श्रमिकों के लिए गांवों में बनाए गए क्वारेंटाइन सेंटर्स की व्यवस्था राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा जिलों को जारी आपदा राहत निधि तथा ग्राम पंचायतों को दिए गए चौदहवें वित्त आयोग व मूलभूत की राशि से की जा रही है। प्रदेश में अभी 18 हजार 833 क्वारेंटाइन सेंटर्स हैं जिनकी कुल क्षमता छह लाख 90 हजार 922 है। वर्तमान में इन सेंटरों में एक लाख 72 हजार लोग रखे गए हैं। कोरोना वायरस संक्रमण से बचाव के लिए अभी 47 हजार से अधिक लोग होम-क्वारेंटाइन में हैं।
Owner/Publisher/Editor