रायगढ़: कलेक्टर, एस.पी. ने किया क्वारेंटीन सेंटरों का औचक निरीक्षण

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रायगढ़/ कलेक्टर भीम सिंह और जिला पुलिस अधीक्षक संतोष सिंह ने कल अपने प्रवास के दौरान लैलूंगा क्षेत्र में बनाये गये क्वारेंटीन सेंटरों कन्या छात्रावास लारीपानी हाईस्कूल और कस्तुरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय झगरपुर तथा पोस्ट मैट्रिक आदिवासी कन्या छात्रावास, लैलूंगा का निरीक्षण किया.

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कलेक्टर भीम सिंह ने क्वारेंटीन सेंटरों में रहने वाले व्यक्तियों से सीधे संवाद करते हुए उनका हालचाल पूछा. क्वारेंटीन सेंटरों में शुद्ध पेयजल, स्वच्छ शौचालय, साबून और मॉस्क प्राप्त होने के संबंध में जानकारी प्राप्त की और उनके स्वास्थ्य परीक्षण के लिए चिकित्सा टीम पहुंच रही है कि नहीं यह भी जानकारी ली. क्वारेंटीन में रह रहे व्यक्तियों ने बताया कि समस्त आवश्यक सुविधायें मिल रही है.

कलेक्टर भीम सिंह ने सेंटरों में व्यवस्था और देखरेख करने वाले कर्मचारियों और नोडल अधिकारियों से कहा कि प्रत्येक दिन कम से कम दो समय सुबह और शाम चाय तथा नाश्ता, दोपहर भोजन एवं रात्रि का भोजन अच्छी गुणवत्ता अनुसार मिलना चाहिए और नाश्ता, भोजन में किसी प्रकार की कमी नहीं होनी चाहिये. उन्होंने यह भी कहा कि किसी भी परिस्थिति में क्वारेंटीन सेंटरों में रहने वाले व्यक्तियों के परिजन अथवा रिश्तेदार वहां नहीं आना चाहिये और न ही बाहर से किसी प्रकार का भोजन तथा अन्य खाद्य सामग्री पहुंचना चाहिये.

कलेक्टर भीम सिंह ने क्वारेंटीन सेंटरों में रहने वाले छोटे बच्चों से भी बात करते हुए कहा कि स्कूल प्रारंभ होने पर इनके माता-पिता अपने बच्चों को स्कूलों में नाम लिखाकर पढऩे के लिए भेजे. उन्होंने यह भी कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निर्देशानुसार बाहर से आये हुए प्रवासी मजदूरों को उनके पहले से किये जाने वाले कार्यों के अनुसार स्थानीय उद्योगों में रोजगार उपलब्ध कराया जायेगा. साथ ही अकुशल व्यक्तियों को मनरेगा के अंतर्गत उनके गांव में ही रोजगार उपलब्ध कराया जायेगा. क्वारेंटीन सेंटरों से जाने और होम क्वारेंटीन अवधि पूर्ण करने के बाद सभी व्यक्ति रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा)के अंतर्गत जॉब कार्ड बनवा लें और राशन कार्ड भी बनवा ले ताकि उन्हें रोजगार और भोजन मिल सकेगा.

पुलिस अधीक्षक ने बाहर से आये व्यक्तियों को समझाईश देते हुए कहा कि आप सभी लोगों के स्वास्थ्य का पूरा ख्याल सरकार रख रही है जब तक आप सभी की सेंपल जांच रिपोर्ट नहीं आ जाती तब तक यही रहना आपके लिए सुरक्षित होगा. जांच रिपोर्ट आने के बाद एसडीएम की अनुमति से छोड़ा जायेगा. इसके बाद क्वारेंटीन सेंटरों में रहने वाले व्यक्तियों को अपने-अपने घरों में 14 दिन होम क्वारेंटीन में रहना होगा. पुुलिस अधीक्षक ने बताया कि होम क्वारेंटीन में रहने वाले व्यक्तियों की निगरानी मोबाइल नंबर के आधार पर रक्षा एप के माध्यम से किया जा रहा है. क्वारेंटीन में रहने वाले व्यक्तियों की प्रत्येक घंटे की मोबाइल फोन से फोटो अपलोड कर निगरानी की जा रही है और घरों से बाहर निकलना पाये जाने पर मोबाइल नंबर ट्रेक कर इनके विरूद्ध अपराध पंजीबद्ध (एफआईआर)किया जायेगा.

इस अवसर पर जिला पंचायत सीईओ ऋचा प्रकाश चौधरी, एसडीएम अभिषेक गुप्ता एवं संबंधित अधिकारी उपस्थित थे.

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