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रायपुर/ प्रदेश में शराबबंदी बड़ा चुनावी मुद्दा रहा है और शराबबंदी सहित विभिन्न मुद्दों को लेकर ही छत्तीसगढ़ में 15 साल से सत्ता में बैठे बीजेपी की रमन सरकार को पराजित कर कांग्रेस पार्टी ने अपना राजनैतिक वनवास खत्म किया था। क्योकि युवा और खासकर महिला वर्ग ने सरकार की शराबबंदी के वादे पर कांग्रेस पर भरोसा जताया था। कांग्रेस की सरकार बने लगभग ढाई साल बीत चुके है शराबबंदी की ओर कोई कदम नही उठाया गया है। वही इन सब के बीच वर्तमान में कांग्रेस सरकार के कैबिनेट मंत्री का शराब बंदी के सवाल पर बहरा हो जाना युवा और महिला वर्ग के साथ छल साबित हो रहा है साथ ही मंत्री जी के बहरे होने के बाद कांग्रेस द्वारा चुनावी वादे में किये गए अहम मुद्दे शराबबंदी को लेकर सरकार बैक फुट पर दिखाई दे रहा है।
दरअसल अमरजीत भगत पहली दफा प्रभारी मंत्री के तौर पर राजनांदगांव पहुंचे तो शाही स्वागत हुआ। कोरोना नियमों की धज्जियां उड़ाकर मंत्री अमरजीत का स्वागत कार्यकर्ताओं और नेताओं ने किया। साथ ही अमरजीत भगत डोंगरगढ़ स्थित मां बमलेश्वरी के दर्शन करने पहुंचे।
वही इस दौरान मीडिया ने अमरजीत भगत से बात की, और उनसे एक पत्रकार ने शराबबंदी पर सवाल पूछा तो उन्होंने कहा कि – मुझे कुछ सुनाई नहीं दिया..
पत्रकार ने दुबारा शराबबंदी को लेकर सवाल पूछा लेकिन मंत्री भगत तो सुनकर भी बहरे हो गए।
देखे वीडियो:-
केबिनेट मंत्री भगत के द्वारा शराबबंदी को लेकर इस प्रकार की प्रतिक्रिया से तो यही लगता है कि सरकार शराबबन्दी के मूड में नही है। जिससे यह प्रतीत होता है कि कांग्रेस सरकार अपनी घोषणा पत्र में किये गए वादे को भूल चुकी है और प्रदेश सरकार के द्वारा शराब बंदी को लेकर किये गए सारे वादे झूठा साबित हो रहा है। यानी बीजेपी की रमन सरकार की तरह ही अब कांग्रेस की भूपेश सरकार भी निरंतर शराब बेचती रहेगी और देश के भविष्य युवा वर्ग नशे के आगोश में रहेगा साथ ही महिला वर्ग भी इस वजह से प्रताड़ित होते रहेगी।
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