बलात्कार मामले में निलंबित कलेक्टर जे.पी. पाठक पुलिस की गिरफ्त से अब भी बाहर, पुलिस ने तीन ठिकानों में दबिश देकर घर के बाहर चस्पा किया नोटिस

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जांजगीर-चाम्पा/ बलात्कार के आरोप में फंसे जांजगीर-चांपा जिले के पूर्व कलेक्टर जेपी पाठक की मुश्किलें कम होने की बजाय बढ़ते ही जा रही है. पुलिस ने आरोपी कलेक्टर के ऊपर शिकंजा कसना शुरु कर दिया है. आरोपी कलेक्टर की तलाश में पुलिस की एक टीम एसपी ने गठित की है. पुलिस की टीम ने जेपी पाठक को गिरफ्तार करने रायपुर सहित तीन ठिकानों पर दबिश दी लेकिन वे कहीं नहीं मिले. पुलिस उनके आवासों में नोटिस चस्पा कर लौट गई है. वहीं पीडिता द्वारा राज्यपाल से गुहार लगाने के बाद पुलिस ने उसको सुरक्षा मुहैया कराया है.


आपको बता दे कि जांजगीर के पूर्व कलेक्टर जनक प्रसाद पाठक के खिलाफ जिले की ही एक महिला ने दुष्कर्म का आरोप लगाते हुए कोतवाली में मामला दर्ज कराया था. मामला सामने आने के बाद जेपी पाठक को मुख्यमंत्री ने निलंबित करने और उच्च स्तरीय समिति से जांच के आदेश दिये थे. पुलिस विभाग द्वारा मामले की जांच के लिए उच्च स्तरीय टीम का गठन कर एसडीओपी रैंक के अधिकारी को जांच का जिम्मा सौंपा गया है. मामले में पीडि़ता ने फोन रिकॉर्ड, वाट्सअप चैट सहित कई सबूत पुलिस को सौंपे थे. पुलिस ने अपनी जांच में पीडि़ता द्वारा सौंपे गए तमाम साक्ष्यों के साथ ही कलेक्टर परिसर के सीसीटीवी फुटेज को भी जांच में शामिल किया है. मामले की जांच कर कर रही एसडीओपी पद्मश्री तंवर ने बताया कि जाँजगीर से संयुक्त टीम बनाकर उनकी खोजबीन के लिए भेजा गया है. उनके तमाम ठिकानों पर पतासाजी की जा रही है.


पीडिता द्वारा पुलिस प्रशासन पर आरोपी को बचने का लगाया आरोप:-


पूर्व जनपद सदस्य और एनजीओ संचालिका पीडि़त महिला ने पुलिस प्रशासन पर जेपी पाठक को बचाने का आरोप लगाया है. राज्यपाल, मुख्यमंत्री, डीजीपी के नाम सौंपे ज्ञापन में उसने पुलिस पर बयान बदलवाने व आरोपी को बचाने की साजिश रचने का आरोपा लगाकर सनसनी फैला दी है. पीडि़ता में पूर्व कलेक्टर जेपी पाठक पर 15 मई को चेंबर में दुष्कर्म करने का आरोप लगाते हुए एसपी पारूल माथुर को ज्ञापन सौंपा था. इसके बाद उसने अपनी आपबीती बताई और पुलिस ने 3 घंटे के भीतर जिले के पूर्व कलेक्टर एवं आईएएस पर अपराध कायम किया. इस मामले में पुलिस ने पीडि़ता से 164 के तहत कथन भी कराया. मामला दर्ज होने के 2 दिन बाद पीडि़ता रायपुर पहुंची जहां पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए है.

पीडि़ता ने आरोप लगाया है कि फरार आरोपी पूर्व कलेक्टर जेपी पाठक एएसपी के संपर्क में है और उसी के निर्देश पर मेरा बयान दर्ज करने के लिए उस पर जोर डाला जा रहा है. पीडि़ता का आरोप है कि एएसपी मधुलिका सिंह ने मूल साक्ष्य नष्ट करने के लिए उसका मोबाइल फोन पुलिस कर्मियों के माध्यम से अपने कब्जे में ले लिया है और गुम होने का बयान देने के लिए बयान देने के लिए दबाव डाल रही है. पीडि़ता ने कहा कि उससे कोरे कागज पर जोर जबरदस्ती कर हस्ताक्षर करवाए है. पीडि़ता ने यह भी आरोप लगाया कि आरोपी तत्कालीन कलेक्टर पर एफआईआर दर्ज करने के बाद उसके पति को बगैर किसी ठोस कारण के कई घंटों तक थाने में बैठाकर रखा गया.

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