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सरगुजा// सरगुजा की प्राकृतिक सब्जी पुटू बाजार में आ चुका है। इसमें काफी मात्रा में प्रोटीन होता है, साथ ही कोरोना महामारी के इस दौर में यह शरीर की इम्यूनिटी भी बढ़ाने के लिए बेहतर है। हर साल ग्रामीण क्षेत्र के लोग इसे जंगल से बीनकर लाते हैं और बाजार में बेचते हैं। यह सब्जी शुरुआती दौर में चिकन और पनीर से भी महंगा बिकता है। पुटू को शनिवार को 300 रुपया किलोग्राम तक बेचा गया। सरगुजा का पुटू दूसरे शहरों में भी पसन्द किया जाता है।
सरगुजा जिले में हर साल बारिश के सीजन में पुटू बहुतायत मात्रा में मिलता है। शुरुआती दिनों में इसके दाम आसमान को छू रहे होते हैं लेकिन जैसे-जैसे समय बीतता जाता है इसकी कीमत कम होती जाती है। लोग बड़े चाव से इसकी सब्जी बनाकर खाते हैं।
इस संबंध में राजमोहिनी देवी कृषि महाविद्यालय एवं अनुसंधान केन्द्र के प्लांट पैथालॉजी विभाग के डॉ. जहार सिंह ने बताया कि पुटू एक प्रकार का कवक (फंगस) है जो मशरूम के रूप में उपलब्ध है।
पनीर और चिकन से भी महंगी है ये प्राकृतिक सब्जी, खाने से बढ़ती है इम्यूनिटी, प्रोटीन से है भरपूर
बारिश प्रारम्भ होने के साथ ही बलुई, जलोढ़ मिट्टी में यह कवक जमीन से निकलने लगता है। डॉ. जहार सिंह ने बताया कि पुटू में प्रोटीन की मात्रा बहुत ज्यादा होती है। इसमें रोग प्रतिरोधक क्षमता पर्याप्त है। डॉ. सिंह ने बताया कि कोरोना महामारी के इस दौर में पुटू का सेवन रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए बेहतर है। आने वाले दिनों में यह और आसानी से बाजार में उपलब्ध हो जाएगा। वहीं माइक्रोबायोलॉजी विभाग के डॉ. जितेन्द्र तिवारी ने बताया कि एक ही जमीन पर बार-बार पुटू मिलता है।
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