पेपर मिल में हानिकारक गैस के कारण संजीवनी अस्पताल में भर्ती मजदूरों से मिलने पहुंचे रायगढ़ कलेक्टर और एसपी..

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रायगढ़/ कलेक्टर यशवंत कुमार आज पुलिस अधीक्षक संतोष सिंग के साथ रायगढ़ जिले के तेतला स्थित शक्ति पेपर मिल में हानिकारक गैस के संपर्क में आकर बीमार हुए मजदूरों से मिलने संजीवनी अस्पताल पहुंचे। वहां उन्होंने चिकित्सकों से भर्ती मजदूरों का हाल जाना। कलेक्टर यशवंत कुमार द्वारा मजदूरों के परिजनों व अस्पताल प्रबंधन से चर्चा कर 03 को बेहतर इलाज के लिए रायपुर रेफेर किये जाने की व्यवस्था करवाई गई।

कलेक्टर यशवंत कुमार ने मिल संचालक को स्पष्ट निर्देश दिया है कि व्यक्तिगत रूप से घायलों के साथ रायपुर जाकर उनका पूरा ईलाज करवाये। साथ ही रेड क्रॉस और प्रशासन की ओर से एक पटवारी को भी रेफेर किये मजदूरों के साथ रायपुर जाने के लिए निर्देशित किया । इस मौके पर कलेक्टर ने मजदूरों के परिजनों से कहा कि प्रशासन यह सुनिश्चित करेगा कि घायलों का अच्छे से ईलाज हो।

मिली जानकारी अनुसार पुसौर के तेतला में शक्ति पेपर मिल जिसमे पेपर को रिसायकल करने का कार्य किया जाता है। लॉक डाउन के दौरान बंद इस मिल को पुनः प्रारम्भ करने से पूर्व मजदूर रिसायकल चैम्बर की सफाई कर रहे थे। इसी दौरान हानिकारक गैस के संपर्क में आने पर मजदूरों की तबियत बिगड़ने लगी। जिस पर उन्हें ईलाज के लिए रायगढ़ के संजीवनी चिकित्सालय में भर्ती करवाया गया। भर्ती करवाये गए कुल 07 मजदूरों में 03 मजदूरों डोलामणि सिदार उम्र 35 वर्ष, सुरेंद्र गुप्ता उम्र 28 वर्ष, अपधर मालाकार उम्र 40 वर्ष को बेहतर इलाज के लिए रायपुर रेफेर किया जा रहा है। जिसके लिए प्रशासन द्वारा एम्बुलेंस तथा अन्य व्यवस्थाएं करवायी जा रही है। शेष 04 मजदूर पुरन्धन कुमार उम्र 21 वर्ष, अनिल कुमार उम्र 22 वर्ष, निमाणी भोय उम्र 40 वर्ष, रंजीत सिंग उम्र 34 वर्ष का ईलाज संजीवनी में ही जारी रहेगा। जिसके लिए संजीवनी अस्पताल प्रशासन को आवश्यक निर्देश दिए गए हैं। इस दौरान एडिशनल एसपी अभिषेक वर्मा, एसडीएम रायगढ़ युगल किशोर उर्वशा, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी एस एन केशरी भी मौजूद रहे।

उद्योग विभाग की टीम पहुंची प्लांट के जांच में
उक्त घटना के सामने आते ही कलेक्टर श्री यशवंत कुमार ने उद्योग विभाग की टीम को प्लांट में जाकर जांच के निर्देश दिए। जिस पर टीम तत्काल जांच उपकरणों तथा विशेषज्ञों के साथ मौके पर पहुंची। मिली जानकारी के अनुसार प्लांट में कागज तैयार किया जाता था। जिसके लिए पुराने पेपर की रिसाइक्लिंग कर लुगदी तैयार की जाती थी। उसमें क्लोरीन गैस को ब्लीचिंग एजेंट के रूप में उपयोग किया जाता था। जिसे एक टनल के माध्यम से इस लुगदी में मिलाया जाता था। जिसके बाद क्लोरीन मिश्रित लुगदी को रिसायकल चैम्बर में इक_ा किया जाता था। लॉक डाउन के दौरान लंबे समय से बंद पड़ी हुई इसी रिसायकल चैम्बर की सफाई के लिए मजदूर इसमें उतरे थे। जिसके बाद मौजूद हानिकारक गैस के संपर्क में आने से मजदूरों की तबियत बिगडऩे लगी। खबर लिखे जाने तक टनल की जांच की जा चुकी थी। उसमें रिसाव जैसी कोई बात सामने नही आई है। विशेषज्ञों की टीम द्वारा रिसायकल चैम्बर की जांच जारी है और पता किया जा रहा है कि यह क्लोरीन है या कुछ और गैस है

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