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डेस्क/ लॉकडाउन से इंसान भले ही परेशान हो लेकिन जीव-जंतु, पेड़-पौधे और प्रकृति चैन की सांस ले रहे हैं. इस महीने यानी अप्रैल की शुरुआत में वैज्ञानिकों को उत्तरी ध्रुव यानी नॉर्थ पोल के ऊपर स्थित ओजोन लेयर में एक 10 लाख वर्ग किमी का छेद दिखा था. यह इतिहास का सबसे बड़ा छेद था. लॉकडाउन की वजह से कम हुए प्रदूषण की वजह से ये छेद भर गया है. ये एक बड़ी खुशखबरी है.
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वैज्ञानिकों का दावा था कि यह अब तक के इतिहास का सबसे बड़ा छेद है. यह 10 लाख वर्ग किलोमीटर में फैला था. उत्तरी ध्रुव यानी नॉर्थ पोल यानी धरती का आर्कटिक वाला क्षेत्र. इस क्षेत्र के ऊपर एक ताकतवर पोलर वर्टेक्स बना हुआ था. जो अब खत्म हो गया है. नॉर्थ पोल के ऊपर बहुत ऊंचाई पर स्थित स्ट्रेटोस्फेयर पर बन रहे बादलों की वजह से ओजोन लेयर पतली हो रही थी.
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