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नई दिल्ली// कोरोना से हुई हर मौत के लिए न्यूनतम 50 हज़ार रुपये मुआवजा मिलेगा। यह मुआवजा राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन ऑथोरिटी (NDMA) ने तय किया है। सुप्रीम कोर्ट ने 30 जून को NDMA को यह जिम्मेदारी सौंपी थी। अब केंद्र सरकार ने कोर्ट में हलफनामा दायर कर बताया है कि NDMA ने मुआवजा तय कर इस बारे में राज्यों को निर्देश जारी कर दिया है। मुआवजे की राशि राज्यों के आपदा प्रबंधन कोष से दी जाएगी।
सुप्रीम कोर्ट में 2 वकीलों गौरव कुमार बंसल और रीपक कंसल की तरफ से याचिका दाखिल की गई थी। दोनों का कहना था है कि नेशनल डिज़ास्टर मैनेजमेंट एक्ट की धारा 12 में आपदा से मरने वाले लोगों के लिए सरकारी मुआवजे का प्रावधान है। पिछले साल केंद्र ने सभी राज्यों को कोरोना से मरने वाले लोगों को 4 लाख रुपये मुआवजा देने के लिए कहा था। इस साल ऐसा नहीं किया गया है। इसके जवाब में केंद्र ने कहा था कि कोरोना के चलते राज्यों को पहले ही बहुत अधिक खर्च करना पड़ रहा है। उन पर मुआवजे का बोझ डालना सही नहीं होगा।
30 जून को दिए आदेश में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि देश में कोरोना से हुई हर मौत के लिए मुआवजा दिया जाना चाहिए। कोर्ट ने माना था कि इस तरह की आपदा में लोगों को मुआवजा देना सरकार का वैधानिक कर्तव्य है। लेकिन मुआवजे की रकम कितनी होगी, यह फैसला कोर्ट ने सरकार पर ही छोड़ दिया था। 2 जजों की बेंच ने फैसले में इस बात को दर्ज किया था कि महामारी के दौरान इलाज की बेहतर सुविधा और ज़रूरतमंदों तक भोजन और दूसरी सुविधाएं पहुंचाने में केंद्र और राज्यों को काफी खर्च करना पड़ रहा है।
सुप्रीम कोर्ट ने नेशनल डिजास्टर मैनेजमेंट ऑथोरिटी (NDMA) से कहा था कि वह 6 हफ्ते में मुआवजे की रकम तय कर राज्यों को सूचित करे। NDMA ने बाद में कोर्ट से अतिरिक्त समय की मांग की थी। अब कोर्ट के फैसले के करीब 12 हफ्ते बाद उसने मुआवजे पर निर्णय लिया है।
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