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कोरबा/ कोरोना वायरस के संक्रमण की रोकथाम के लिए जिले में बाहर से आये प्रवासी श्रमिकों और अन्य लोगों के ठहरने के लिए 159 क्वारेंटाइन सेंटर बनाये गये हैं. जिले के पांचों विकासखंडों में बनाये गये 159 क्वारेंटाइन सेंटरों में चार हजार 277 लोगों को ठहराया गया है. इन सभी क्वारेंटाइन सेंटर में सभी जरूरी सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही है. ठहराये गये सभी श्रमिकों की नियमित स्वास्थ्य जांच भी करवायी जा रही है. क्वारेंटाइन सेंटर के रूप में जिले में स्थित शासकीय स्कूल, छात्रावास भवन एवं सामुदायिक भवनों को विकसित किया गया है. क्वारेंटाइन सेंटरों में रहने वाले श्रमिकों को खाने-पीने के साथ-साथ बिजली, पंखे, शौचालय, सेनेटाइजर, मास्क आदि की सुविधा अबाध रूप से मुहैया कराई जा रही है. क्वारेंटाइन सेंटर में ठहरने वाले श्रमिक जिला प्रशासन द्वारा दी जा रही सुविधाओं से संतुष्ट हैं तथा उन्हें किसी भी प्रकार की समस्याओं का सामना नहीं करना पड़ रहा है. ग्रामीण क्षेत्रों में कुल 115 क्वारेंटाइन सेंटर बनाये गये हैं. जिसमें कोरबा विकासखंड में 12, करतला में 16, कटघोरा में 31, पाली में 34 और पोड़ीउपरोड़ा विकासखंड में 22 क्वारेंटाइन सेंटर संचालित है. इन सेंटरों में 2963 लोगों को ठहराया गया है. शहरी क्षेत्र में कुल 44 सेंटर बनाये गये हैं. जिसमें एक हजार 314 लोगों को ठहराया गया है. क्वारेंटाइन श्रमिकों को सुबह-शाम चाय-नाश्ता, दोपहर तथा रात का खाना दिया जा रहा है.
कलेक्टर किरण कौशल ने बताया कि क्वारेंटाइन किए गये सभी श्रमिकों को गरम नाश्ता, भोजन और स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराने के साथ ही उनके स्वास्थ्य का भी पूरा ख्याल रखा जा रहा है. सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करवाते हुए भोजन, नाश्ता दिया जा रहा है. प्रत्येक सेंटर में सभी श्रमिकों का मेडिकल टीम द्वारा नियमित सुबह-शाम हेल्थ चेकअप भी किया जा रहा है. सर्दी-खांसी या अन्य स्वास्थ्य समस्या पर उनका ईलाज भी किया जाता है. कलेक्टर कौशल ने कहा कि क्वारेंटाइन सेंटरों की मानिटरिंग के लिए विशेष व्यवस्था की गई है. हर क्वारेंटाइन सेंटर में स्थानीय दलों की नियुक्ति के साथ ही मानिटरिंग के लिए विशेष दस्ते लगाए गए हैं. नोडल अधिकारी सभी क्वारेंटाइन सेंटरों का निरीक्षण करते हैं. इसके साथ ही सभी ब्लाक स्तरीय अधिकारियों को भी विशेष रूप से मानिटरिंग के निर्देश दिए गए हैं. क्वारेंटाइन सेंटरों के हर दिन की स्थिति की जानकारी रिपोर्ट भेजी जाती है. जहां किसी तरह की असुविधा हो रही हो, उसे संज्ञान में लेकर तुरंत ठीक किया जा रहा है.
शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय तिलकेजा तथा शासकीय मिनीमाता कन्या छात्रावास में ठहरने वाले श्रमिकों ने बताया कि क्वारेंटाइन सेंटर में भोजन-पानी, साफ-सफाई की व्यवस्था बहुत अच्छी है. श्रमिकों ने बताया कि चाय-नाश्ता और भरपेट खाना घर के खाने जैसा उच्च गुणवत्ता का है. गर्मी के इस मौसम में क्वारेंटाइन सेंटर में पंखों की भी व्यवस्था की गई है. परिसर के साथ-साथ रहने वाले कमरों का भी सेनेटाइजेशन प्रतिदिन नियमित रूप से किया जा रहा है. तिलकेजा क्वारेंटाइन सेंटर के श्रमिकों द्वारा स्कूल परिसर में वृक्षा रोपण भी किया गया है. जिसमें विभिन्न फलदार एवं छायादार पौधों को रोपित किया गया है.
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