आंगनबाडी केंद्रो के बच्चों मे डिजिटल प्लान की शुरूआत.. बच्चों को वाल पेंटिग, अनौपचारिक शिक्षा और राज्य शासन द्वारा तैयार की गई फिल्म दिखाई जा रही है..

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मुंगेली/ नोवेल कोरोना वायरस के संक्रमण की रोकथाम एवं बचाव के लिए जिले मे संचालित सभी आंगनबाडी केंद्र को बंद किया गया है। बंद होने के कारण आंगनबाडी केंद्र के बच्चे अभिभावकों के साथ अपने घर मे ही समय बिता रहे है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के सार्थक पहल पर आंगनबाडी केंद्र के बच्चों में प्यार, दुलार, स्नेह और अपनापन जगाने के लिए डिजिटल प्लान की शुरूआत की गई है। इस अभियान की शुरूआत युनिसेफ के सहयोग से किया गया है।

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जिला महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा आंगनबाडी केंद्र के बच्चों के लिए युनिसेफ के सहयोग से शुरू की गई डिजिटल प्लान का संपूर्ण कार्यक्रम डिजिटल मोड पर आधारित है। वर्तमान मे सजग अभियान के माध्यम से बच्चो एवं अभिभावको को प्रेरित कर बच्चों के अपनापन, स्नेह, दुलार सहहृदयता जगा कर उनमे कोरोना से उपजे तनाव एवं विचलन को सामान्य किया जा रहा है। ताकि बच्चों की सारी दुनिया अभिभावकों मे समाहित हो सके। इस सजग अभियान के तहत बच्चों को वाॅल पेंटिग, अनौपचारिक शिक्षा और राज्य शासन द्वारा तैयार की गई फिल्म दिखाई जा रही है। बच्चो के आकर्षक विडियो पर आधारित छत्तीसगढ़ी बाल गीत तथा अन्य गतिविधियां आंगनबाडी कार्यकर्ता के माध्यम से करायी जा रही है, जो बच्चों को आकर्षित कर रही है ।

आंगनबाडी कार्यकताओं द्वारा बच्चों एवं अभिभावको को सोशल डिस्टेंश का पालन करने और सेनेटाईजन का उपयोग करते हुए बार-बार हाथ धोने तथा मास्क लगाने की शिक्षा दी जा रही है। ऐसे अभिभावक जिनके पास एन्ड्राइड फोन नही है उन्हे गृह भेंट के दौरान मोबाईल के माध्यम से बच्चो के सामने विभिन्न गतिविधियो का प्रदर्शन किया जा रहा है। राज्य शासन के निर्देशानुसार हितग्राहियों महिलाओं और पंजीकृत बच्चों को आंगनबाडी कार्यकर्ता द्वारा सूखा राशन प्रदान किया जा रहा है।

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