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बिलासपुर/ सिविल लाइन थानांतर्गत नेहरू नगर स्थित श्रीराम केयर अस्पताल के आईसीयू में भर्ती छात्रा द्वारा अस्पताल के ही वार्ड ब्वायों द्वारा बलात्कार करने के आरोप लगाने के मामले में पुलिस ने अपराध दर्ज किया।
रविवार को स्वास्थ्य विभाग के महिला डाक्टरों की 2 सदस्यीय टीम ने मुलाहिजा किया। शाम को डाक्टरों ने छात्रा के साथ बलात्कार नहीं होने की पुष्टि की है। डाक्टरों ने छात्रा स्लॉइड जांच के लिए भेजा है। वहीं अस्पताल के सीसीटीवी कैमरे की रिकार्डिंग खांगालने के बाद भी पुलिस को घटना से संबंधित कोई सुराग नहीं मिला। विधायक शैलेष पांडेय के आदेश पर छात्रा को अपोलो अस्पताल शिफ्ट किया गया है। जानकारी के अनुसार 18 वर्षीय युवती 18 मई को संदिग्ध कारणों से श्रीराम केयर अस्पताल में उपचार के लिए भर्ती किया था।
23 मई को परिजनों ने पुलिस को बताया कि उसकी बेटी ने पेन व कागज में पिछले दो दिनों से अस्पताल के 2 वार्ड ब्वायों द्वारा बलात्कर करने का खुलासा किया है। इसकी जानकारी मिलने पर अस्पताल प्रबंधन के होश उड़ गए। शिकायत की जांच करने अस्पताल के आईसीयू में पहुंची पुलिस ने अस्पताल के सभी कर्मचारियों को बुलवाया। बारी-बारी कर उनकी पहचान परेड पीडि़ता के सामने कराई। छात्रा ने 2 वार्ड ब्वॉयों की जगह 4 वार्ड ब्वायों पर बलात्कार करने का आरोप लगाया है। पुलिस ने 4 वार्ड ब्वॉयों को हिरासत में ले लिया है।
छात्रा बातचीत नहीं कर पा रही है और वह इशारों में सिर हिलाकर जवाब दे रही है। सीसीटीवी कैमरे फुटेज खंगाला नहीं मिला सुराग पुलिस ने आईसीयू में लगे सीसीटीवी कैमरे की फुटेज जब्त की है। 19 से 23 मई के बीच 5 दिनों की सीसीटीवी कैमरे की फुटेज पुलिस ने जांच की है, जिसमें पुलिस को घटना से संबंधित कोई परिस्थिति दिखाई नहीं दी। ।
साथ ही पीडि़ता के पास आपत्ति जनक हालत में किसी व्यक्ति के जाने और बलात्कार करने की भी बात सामने नहीं आई है। पीडि़ता को अपोलो में किया गया शिफ्ट घटना की जानकारी मिलने पर विधायक शैलेष पांडेय रविवार को श्रीराम केयर अस्पताल पहुंचे। उन्होंने परिजनों से चर्चा कर मामले की जांच के बाद आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की बात कही। विधायक पाडेय ने पत्रकारों से चर्चा करते हुए बताया कि पीडि़ता को सुरक्षा के लिहाज से अपोलो अस्पताल शिफ्ट किया जा रहा है। जांच के बाद दोषी पाए जाने वाले आरोपियों को फांसी की सजा दिलाने का प्रयास किया जाएगा।
बेहोश पीडि़ता, आईसीयू में भर्ती मरीजों टीआई परिवेश तिवारी ने बताया कि रविवार को पीडि़ता से घटना के सबंध में चर्चा करने का प्रयास किया, लेकिन वह होश में नहीं थी। लिहाजा आईसीयू में भर्ती अन्य 7 मरीजों और उनके परिजनों से घटना के संबंध में जानकारी ली गई, लेकिन उनके से भी पुलिस को खास मदद नहीं मिली। जहर सेवन करने से गंभीर स्थिति में लाई गई थी अस्पताल श्रीराम केयर के संचालक डॉ. अमित ने बताया कि छात्रा को 18 मई को दोपहर 3 बजे परिजन अस्पताल लेकर आए थे। छात्रा गंभीर हालत में थी, परिजनों को उसे अपोलो अस्पताल ले जाने की कहा गया था, लेकिन परिजन श्री राम रामकेयर अस्पताल में इलाज कराने के लिए लिखित में दिया था।
जांच में छात्रा के जहर सेवन करने की आशंका पर परिजनों से पूछने पर उन्होंने अनभिज्ञता जाहिर की। परिजनों को घर में जहर सेवन करने की जानकारी देकर जहर की तलाश करने भेजा गया। परिजन नींद का इंजेक्शन और कीटनाशक आर्गेनो फासफेट की शीशी लाकर दिखाई थी। परिजनो ने बताया कि 18 मई को छात्रा को पहले सिम्स लेकर गए थे।
वहां से उसे नारायणी अस्पताल में भर्ती किया गया, स्वास्थ्य बिगडऩे पर उसे श्रीराम केयर लेकर आए थे। डॉ सोनी ने बताया जहर सेवन करने वाले मरीज को इंटी डोज दिया जाता है और इसके बाद से वह साइकोशिस और हैलोसिनेशन में चला जाता है और बहकी-बहकी बातें करने लगता है। छात्रा को भी एंटी डोज दिया गया है।
जिससे उसकी मानसिक स्थित बिगडऩे के कारण वह ऐसा कर रही होगी। ड्यूटी पर पुलिस की जांच में यह बात सामने आई है कि 18, 19 और 20 मार्च को 1 वार्ड ब्वॉय नाइट ड्यूटी पर था, साथ ही 21 व 22 मार्च को 2 वार्ड ब्वॉय नाइट ड्यूटी पर थे। इसके साथ ही आईसीयू में उनके साथ 2 मेल, 2 फिमेल, 1 जूनियर डॉक्टर और 1 वार्ड आया भी ड्यूटी पर प्रतिदिन तैनात थी। साथ ही आईसीयू में पिछले 5 दिनों से छात्रा के अलावा 7 मरीजों का उपचार हो रहा है
स्वास्थ्य विभाग की 2 महिला डाक्टरों ने छात्रा की मुलाहिजा रिपोर्ट सौंपी है। जांच में बताया गया है कि रेप के मामलों में पीडि़ता को होने वाली इंजरी और स्ट्रगल माक्र्स होते है वे छात्रा में नहीं मिले हैं। छात्रा का स्लॉइड जांच के लिए भेजा गया है।
प्रशांत अग्रवाल एसपी, बिलासपुर
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