वर्चुअल समारोह में डॉ. प्रमोद कुमार शुक्ल को मिला राष्ट्रीय शिक्षक सम्मान, देशभर में एकलव्य आवासीय विद्यालय के पुरस्कार पाने वाले इकलौते शिक्षक…

शेयर करें...

रायपुर// मंत्रालय में आयोजित एक सादे समारोह में अनुसूचित जाति एवं जनजाति विभाग के सचिव डी.डी. सिंह और आयुक्त शम्मी आबदी ने यह पुरस्कार दिया। छत्तीसगढ़ के बस्तर के शिक्षक डॉ. प्रमोद कुमार शुक्ला को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने आज राष्ट्रीय शिक्षक सम्मान से सम्मानित किया है। राष्ट्रपति भवन से यह समारोह वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए आयोजित हुआ था। डॉ. शुक्ल राष्ट्रपति भवन में मौजूद नहीं थे। उन्हें नवा रायपुर के मंत्रालय भवन में अफसरों ने प्रशस्तिपत्र, पदक और शॉल-श्रीफल प्रदान किया।

Join WhatsApp Group Click Here

डॉ. प्रमोद कुमार शुक्ला, बस्तर के करपावण्ड एकलव्य आवासीय विद्यालय में अंग्रेजी के शिक्षक हैं। अफसरों ने बताया, पूरे देश का एकमात्र एकलव्य विद्यालय है, जिसके शिक्षक को इस वर्ष का राष्ट्रीय शिक्षक सम्मान दिया गया है। प्रदेश में 71 एकलव्य आवासीय विद्यालयों का संचालन हो रहा है। अधिकारियों ने बताया, डॉ. प्रमोद कुमार शुक्ला ने बच्चों के दिमाग से अंग्रेजी का भय दूर करने के लिए सप्ताह में एक दिन अंग्रेजी पाठ आधारित नाटक मंचन कराए जाने का अभिनव प्रयोग किया। इस दौरान छात्रों को अपनी अभिव्यक्ति में बोलने की आजादी दी गई, ताकि उनके दिमाग से अंग्रेजी बोलने का भय दूर किया जा सके। इससे संस्था के विद्यार्थियों का अंग्रेजी का परिणाम सुधरा है। डॉ. शुक्ला के प्रयोगों पर आधारित 15 से अधिक शोधपत्र अब तक विभिन्न राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर की शोध पत्रिकाओं में प्रकाशित हो चुके है। उन्होंने अपने अनुभव पर आधारित तीन पुस्तकें भी लिखी हैं। मंत्रालय में आयोजित एक सादे समारोह में अनुसूचित जाति एवं जनजाति विभाग के सचिव डी.डी. सिंह और आयुक्त शम्मी आबदी ने डॉ. शुक्ला को पदक, प्रशस्ति पत्र, शाल और श्रीफल भेंट किया।

इंस्पायर अवॉर्ड में भी महत्वपूर्ण काम

अधिकारियों ने बताया, डॉ. प्रमोद कुमार शुक्ला को इंस्पायर अवॉर्ड के लिए जिला नोडल अधिकारी भी बनाया गया है। उन्होंने नोडल अधिकारी के रूप में सेन्ट्रल यूनिवर्सिटी लखनऊ, बस्तर विश्वविद्यालय जैसी संस्थाओं के विशेषज्ञों से बस्तर के दूर-दराज के छात्रों का इंटरैक्शन प्रोग्राम एवं ऑनलॉइन गाइडेंस भी करवाया। परिणाम स्वरूप बस्तर जैसे सुदूर जिले से पहली बार 145 छात्रों का इंस्पायर अवॉर्ड के लिए राष्ट्रीय चयन समिति द्वारा चयन किया गया और सभी को सम्मान स्वरूप 10 हजार रूपए की राशि प्रदान की गई।

प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए भी विद्यार्थियों को तैयार किया

डॉ. शुक्ला ने विद्यार्थियों को प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए भी तैयार किया है। उनके प्रयास से ही नेशनल मेरिट कम मीन्स स्कॉलशिप परीक्षा, एससीईआरटी द्वारा आयोजित साइंस क्वीज प्रतियोगिता, एनटीएसई, केयूपीवाई जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं में छात्रों की प्रतिभागिता सुनिश्चित करवायी गई। उनके इस प्रयास के कारण अब तक 69 छात्रों का इन परीक्षाओं में चयन हो चुका है।

बहुमुखी प्रतिभा के धनी डॉ. शुक्ला के प्रयोगों पर आधारित 15 से अधिक शोधपत्र अब तक विभिन्न राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर के रिसर्च जनरल में प्रकाशित हो चुके है। साथ ही अनुभव आधारित तीन पुस्तकें भी उनके लिखी गई है। इनमें से एक ई-पुस्तक ‘एकलव्य विद्यालय प्रवेश दिग्दर्शिका‘ का प्रकाशन शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव डॉ. आलोक शुक्ला ने अपनी वेबसाईट में किया, जिसे अब तक 5500 से अधिक छात्र डाउनलोड कर चुके है। इसके अलावा ऑनलाईन शिक्षा में सर्वाधिक संख्या में छात्रों को जोड़ने एवं लाभ लेने के लिए जिला प्रशासन द्वारा उन्हें प्रशंसा पत्र देकर सम्मानित किया है। उल्लेखनीय है कि डॉ. प्रमोद कुमार शुक्ला ने शिक्षा के क्षेत्र में किए गए प्रयोगों एवं नवाचार के माध्यम से अन्य शिक्षकों के लिए एक मिसाल पेश की है।

Scroll to Top