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रायपुर// कवर्धा शहर में झंडे को लेकर हुई हिंसा को लेकर अब विश्व हिंदू परिषद ने भी प्रशासन और राज्य सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। विहिप ने प्रदेश के अलग-अलग जिलों में आक्रोश रैली निकालकर घटना की विरोध जताया है और गिरफ्तार किए गए लोगों को रिहा करने की मांग की है। विहिप ने इस पूरे मामले को लेकर प्रशासन और राज्य सरकार पर एकतरफा कार्रवाई करने का आरोप लगाया है।
विहिप ने घटना के विरोध में कोरबा, राजनांदगांव, जगदलपुर, धमतरी समेत कुछ और जिलों में आक्रोश रैली निकाली है। इसी कड़ी में बिलासपुर के छत्तीसगढ़ स्कूल में भी बड़ी संख्या में कार्यकर्ता जमा हुए थे। इस दौरान पदाधिकारियों ने कहा कि कवर्धा में संप्रदाय विशेष के लोगों ने जो उत्पात मचाया है,उसकी कड़ी निंदा होनी चाहिए। पुलिस और प्रशासन की भूमिका शर्मनाक रही। कार्रवाई के नाम पर निर्दोष लोगों के खिलाफ जुर्म दर्ज कर लिया गया है। राज्य सरकार की भूमिका को लेकर भी नेताओं ने गहरी नाराजगी जताते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ को केरल या पंजाब नहीं बनने देंगे।
बिलासपुर में रैली को प्रशासन ने रोका
इधर, विहिप के प्रदर्शन को देखते हुए प्रशासन ने कड़ी सुरक्षा व्यवस्था कर रखी थी। रैली, प्रदर्शन के इकट्ठे हुए छत्तीसगढ़ स्कूल में भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया था। जिसकी वजह से कार्यकर्ता करीब 3 घंटे तक सिर्फ प्रदर्शन करते रहे और रैली नहीं निकाली जा सकी है। वहीं कोरबा, धमतरी और जगदलपुर में कार्यकर्ताओं ने रैली निकालकर विरोध जताया है। कोरबा, धमतरी और जगदलपुर में भी बड़ी संख्या में कार्यकर्ता में शामिल हुए थे।
राजनांदगांव में पुलिस के साथ हुई झूमाझटकी
राजनांदगांव में विश्व हिंदू परिषद व बजरंग दल ने रैली निकाली। इस दौरान कार्यकर्ताओं की पुलिस के साथ झूमाझटकी हो गई। कार्यकर्ता लगातार नारेबाजी करते रहे। पुलिस ने यहां भी रैली निकालने की अनुमति नहीं थी। इसके बावजूद विश्व हिंदू परिषद व बजरंग दल ने महावीर चौक से रैली निकाली।
तुष्टिकरण की राजनीति नहीं चलेगी
वहीं बिलासपुर में विरोध प्रदर्शन के दौरान विहिप के प्रांत उपाध्यक्ष डॉ. ललीत माखिजा ने कहा कि रैली निकालने की अनुमति देनी चाहिए थी। क्योंकि लोकतंत्र में संविधान के तहत विरोध करने का हमें हक है। शासन की इस रणनीति से सरकार की तुष्टिकरण की राजनीति आम जनता को समझ में आ रही है। लेकिन तुष्टिकरण की राजनीति नहीं चलेगी। धर्म की राजनीति नहीं बल्कि धर्म के अनुसार राजनीति चलेगी।
इस वजह से हुआ था विवाद
3 अक्टूबर को वार्ड नंबर 27 के लोहारा नाका चौक इलाके में झंडा लगाने को लेकर विवाद शुरू हुआ था। कुछ युवकों ने अपना झंडा चौराहे पर लगा दिया। इसी बात को लेकर दो गुटों के युवक सड़क पर लाठी-डंडे लेकर उतर आए। एक दूसरे को पीटा। पत्थरबाजी हुई। पुलिस की आंखों के सामने एक युवक को भीड़ पीटती रही। मारपीट में 8 लोग घायल हुए थे।
एक हजार लोगों के खिलाफ मामला दर्ज
इस मामले में पुलिस ने अशांति फैलाने वाले करीब 1000 लोगों के खिलाफ FIR दर्ज की है। इनमें से 93 आरोपी नामजद हैं। पूरे मामले में अलग-अलग 7 FIR दर्ज हुई है। वीडियो फुटेज और फोटो से आरोपियों की पहचान की जा रही है। इस मामले में बीजेपी नेताओं के खिलाफ भी केस दर्ज किया गया है। राजनांदगांव सांसद संतोष पांडेय, रमन सिंह के बेटे पूर्व सांसद अभिषेक सिंह, पूर्व विधायक मोतीराम चंद्रवंशी, अशोक साहू, प्रदेश मंत्री विजय शर्मा, जिलाध्यक्ष अनिल सिंह, भाजयुमो जिलाध्यक्ष पीयूष ठाकुर, विहिप जिला प्रमुख नंदलाल चंद्राकर सहित कैलाश चंद्रवंशी, राजेंद्र चंद्रवंशी, पन्ना चंद्रवंशी, उमंग पांडेय, राहुल चौरसिया, भुनेश्वर चंद्राकर के नाम शामिल हैं।
104 लोग गिरफ्तार
पुलिस ने अब तक इस मामले में 104 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। जिनमें से करीब 70 आरोपियों को दुर्ग के जेल में बंद किया गया है। सोमवार को इन्हीं आरोपियों से मुलाकात करने पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह भी दुर्ग गए थे। सोमवार को भी इस मामले में 11 आरोपी गिरफ्तार किए गए हैं।